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उसे यह सोचकर चुना गया कि वह अगला सचिन तेंदुलकर होगा- चोपड़ा ने याद की रायुडू से पहली मुलाकात

आकाश चोपड़ा ने याद किया है कि पहली बार जब उनकी अंबाती रायुडू से मुलाकात हुई थी तो उनके बारे में कैसी बातें की जा रही थीं. उन्हें भविष्य का सचिन तेंदुलकर माना जा रहा था.

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आकाश चोपड़ा ने याद की अँबाती रायुडू से पहली मुलाकात

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 के फाइनल से पहले चेन्नई सुपर किंग्स के बल्लेबाज अंबाती रायुडू ने संन्यास का ऐलान कर दिया. रायुडू को चेन्नई ने ट्रॉफी जीतकर शानदार विदाई दी. कभी टीम इंडिया का भविष्य कहे जाने वाले इस बल्लेबाज का करियर हालांकि उन ऊंचाइयों को नहीं छू पाया जिसकी उम्मीद की जा रही थी. लेकिन चोपड़ा का मानना है कि युवा रायुडू को भविष्य का सचिन तेंदुलकर माना जा रहा था.

आकाश चोपड़ा ने साल 2003 के उस वाकये को याद किया है जब युवा अंबाती रायुडू को भारत ए के वेस्टइंडीज दौरे पर चुना गया था.

रायुडू ने हाल ही में क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान किया है. 37 वर्षीय रायुडू ने कुल 97 फर्स्ट क्लास मैच खेले. उन्होंने 55 वनडे इंटरनैशनल और छह टी20 इंटरनैशनल मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया. हालांकि उन्हें कभी भारत के लिए टेस्ट मैच खेलने का मौका नहीं मिला.

हाल ही में अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो पर चोपड़ा ने बताया कि कैसे रायुडू को भविष्य का सितारा मानते हुए भारत ए के वेस्टइंडीज दौरे के लिए चुना गया था.

चोपड़ा ने कहा, ‘मैं रायुडू के साथ अपनी पहली मुलाकात का एक किस्सा आपको सुनाता हूं. यह साल 2003 की बात है. भारत ‘ए’ टीम वेस्टइंडीज दौरे पर गई थी. एक छोटा सा बच्चा अंबाती रायुडू भी इसमें चुना गया था. वह तब करीब 16 साल का था. उन्हें इस उम्मीद में चुना गया था कि वह अगले सचिन तेंदुलकर हो सकते हैं. यह लड़का बहुत प्रतिभाशाली है और वह बल्लेबाजी कर सकता है, फील्डिंग बहुत अच्छी करता है और गेंदबाजी भी कर सकता है.’

भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज अशोक चोपड़ा को इस युवा प्रतिभाशाली क्रिकेटर का खास ख्याल रखने को कहा गया था. उन्होंने कहा, ‘अशोक मल्होत्रा उस समय हमारे कोच थे और उन्हें सिलेक्टर्स की ओर से खास निर्देश थे कि इस बच्चे का खास ख्याल रखा जाए क्योंकि यह भारत का भविष्य है. वीवीएस लक्ष्मण हमारे कप्तान थे और उन्होंने इस बच्चे को हैदराबाद में खेलते हुए देखा था. तो वह भी काफी प्रभावित थे लेकिन जब आप टीम बना रहे होते हैं तो आपको काफी चीजों का ख्याल रखना होता है.

रायुडू ने उस दौरे पर खेले छह मैचों में 289 रन बनाए. इसमें उनका औसत 26.27 का था. इसमें उन्होंने दो हाफ सेंचुरी लगाईं. 84 उनका हाईऐस्ट स्कोर था.

आकाश चोपड़ा ने यह भी कहा कि उस भारत ए की टी में कई स्टार बल्लेबाज थे लेकिन उनके पास ऑफ स्पिनर की कमी थी. चोपड़ा ने कहा, ‘हमारी टीम के पास एक भी ऑफ स्पिनर नहीं था. यह बहुत अनोखा टीम सिलेक्शन था. हमारे पास बाएं हाथ का स्पिनर मुरली कार्तिक थे और लेग स्पिनर अमित मिश्रा थे. बल्लेबाजी में हमारे पास गौतम गंभीर, कॉनर विलियम्स, मैं, वीवीएस लक्ष्मण और अभिजीत काले थे. तो, अंबाती रायुडू को इस टीम में खेलने का मौका मिला.’

कॉमेंटेटर से क्रिकेटर बने चोपड़ा ने कहा कि जब अंबाती रायुडू को गेंदबाजी सौंपी जाती थी तो करीबी फील्डर्स के लिए बहुत मुश्किल वक्त होता था.

उन्होंने कहा, ‘उन्हें बल्लेबाजी क्रम में काफी नीचे बैटिंग करने के लिए कहा जाता था फिर उसे बीच में ऑफ स्पिनर गेंदबाजी करने को कहा जाता, जो वह बेचारा नहीं कर पाता था. कई बार वह अपने ही पैरों में गेंद को पिच करता या फिर बल्लेबाज के पैरों में, कई बार फुल टॉस और इस बीच विकेट लेने वाली गेंद. मुझे याद है कि शॉर्ट लेग और मिडविकेट के फील्डर थोड़े डरे रहते थे जब अंबाती गेंदबाजी करने के लिए आता था क्योंकि वेस्टइंडीज के खिलाड़ी काफी जोर से प्रहार करते थे. अब चूंकि आप फायरिंग लाइन में होते थे तो आपको डर लगता था. मैं शॉर्ट लेग पर फील्डिंग करता था और उसे कहता था कि शॉर्ट पिच गेंदबाजी न करे.’

रायुडू ने उस दौरे पर 51.3 ओवर गेंदबाजी की और 27.28 के औसत से 7 विकेट लिए. उन्होंने 97 फर्स्ट-क्लास मैचों में कुल 10 विकेट लिए. वनडे इंटरनैशनल में उन्होंने एलिस्टर कुक, तिलकरत्ने दिलशान और मुस्ताफिजुर रहमान के विकेट लिए हैं.

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