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आक्रामकता सिखाई नहीं जाती, बल्कि ये तेज गेंदबाजों का स्वाभाविक गुण होना चाहिए: एंब्रोस

विंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज कर्टली एंब्रोस ने उन दिनों को याद किया जब अस्सी के दशक के अंतिम वर्षों में वह वेस्टइंडीज की टीम से जुड़े

आक्रामकता सिखाई नहीं जाती, बल्कि ये तेज गेंदबाजों का स्वाभाविक गुण होना चाहिए: एंब्रोस
Updated: May 27, 2020 12:34 PM IST | Edited By: Kamlesh Rai

अपने करियर के दौरान बल्लेबाजों में दहशत पैदा करने वाले वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज कर्टली एंब्रोस का मानना है कि गेंदबाजों को आक्रामकता सिखाई नहीं जा सकती है बल्कि यह उनका स्वाभाविक गुण होना चाहिए।

एंब्रोस ने कहा कि हालांकि वह स्वाभाविक तौर पर आक्रामक थे लेकिन वह एंटीगा के उनके साथी एंडी रॉबर्ट्स थे जिन्होंने गेंदबाजी के करते समय उन्हें इसे अपनाने के लिए उन्हें प्रेरित किया।

स्काई स्पोर्ट्स के लिए माइकल अर्थटन द्वारा आयोजित पोडकॉस्ट में एंब्रोस ने कहा, ‘उन्होंने मुझे हमेशा आक्रामक बने रहना और हमेशा बल्लेबाजों पर हावी होना सिखाया। उन जैसे दिग्गज की सिखाई गई यह बात मेरे दिमाग में बैठ गई थी।

'तेज गेंदबाज के अंदर आक्रमकता होनी चाहिए'

अपने टेस्ट करियर में 98 मैचों में 20.99 की औसत से 405 विकेट लेने वाले एंब्रोस ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि आप किसी गेंदबाज को आक्रामक होना सिखा सकते हो। यह आपके अंदर होनी चाहिए। आप कोशिश कर सकते हो लेकिन अगर यह किसी गेंदबाज के अंदर नहीं है तो संभवत: यह कारगर नहीं होगी। मेरे लिए यह कारगर साबित होती थी क्योंकि खेलते समय मैं स्वाभाविक तौर पर आक्रामक हो जाता था। यह मेरे अंदर स्वाभाविक रूप से मौजूद थी।’

एंब्रोस ने कहा कि अगर कोई गेंदबाज अपनी गेंदों से कहर बरपा रहा हो तो फिर बल्लेबाज पर छींटाकशी करने की जरूरत नहीं पड़ती।

उन्होंने कहा, ‘आप जो करना चाहते हो अगर आप उसमें सक्षम हो तो फिर इसके लिए आपके पास साढ़े पांच औंस (क्रिकेट गेंद) हैं। अगर आप छींटाकशी करते हो तो फिर आप सक्षम नहीं हो। यह वेस्टइंडीज का तरीका नहीं है। साढ़े पांच औंस की गेंद आपके पास 90 मील प्रतिघंटे की रफ्तार से पहुंचती है यही पर्याप्त है।’

'मैं कभी दूसरा सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज नहीं बनना चाहता था'

एंब्रोस ने उन दिनों को याद किया जब अस्सी के दशक के अंतिम वर्षों में वह वेस्टइंडीज की टीम से जुड़े। उन्होंने कहा कि वह कभी दूसरा सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज नहीं बल्कि हमेशा सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज बनना चाहते थे।

उन्होंने कहा, ‘जब मैं पहली बार वेस्टइंडीज की टीम में आया तो महान तेज गेंदबाज स्वर्गीय मैलकम मार्शल के अलावा कर्टनी वाल्श और पैट्रिक पैटरसन टीम में थे। मैं कभी दूसरा सर्वश्रेष्ठ नहीं बनाना चाहता था। मुझे खुद पर विश्वास था और मैं सर्वश्रेष्ठ बनना चाहता था।’

एंब्रोस ने कहा, ‘मुझे जल्द ही पता चल गया कि अधिकतर विरोधी टीमें शायद यह सोचती हैं कि कर्टली तो नया है इसलिए मार्शल, वाल्श और पैटरसन पर ध्यान दो। मैं कभी ऐसा नहीं चाहता था इसलिए जल्दी सीखने लिए मजबूर होना पड़ा ताकि मैं टीम की कमजोर कड़ी न रहूं। अपने विश्वास से मैंने वह हासिल किया जो मैं चाहता था।’

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