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कोहली की अनुपस्थिति को लेकर बीसीसीआई और एसीसी में टकराव की स्थिति

कोहली को इंग्लैंड के 84 दिन के दौरे के बाद आराम दिया गया है जहां उन्होंने पांच टेस्ट में 593 रन जुटाए थे और वह सर्वाधिक रन जुटाने वाले खिलाड़ी रहे थे।

कोहली की अनुपस्थिति को लेकर बीसीसीआई और एसीसी में टकराव की स्थिति
Updated: September 16, 2018 10:50 PM IST | Edited By: Kamlesh Rai

भारतीय कप्तान विराट कोहली की एशिया कप में अनुपस्थिति को लेकर बीसीसीआई और एशिया क्रिकेट परिषद (एसीसी) में टकराव की स्थिति खड़ी हो गई क्योंकि प्रसारणकर्ता स्टार ने इस फैसले पर नाराजगी व्यक्त की है।

बीसीसीआई ने हालांकि एसीसी को भेजे गये संक्षेप जवाब में स्पष्ट कर दिया कि न तो वे और न ही प्रसारक राष्ट्रीय टीम चयन के मामलों में हस्तक्षेप कर सकते हैं।

कोहली को इंग्लैंड के 84 दिन के दौरे के बाद आराम दिया गया है जहां उन्होंने पांच टेस्ट में 593 रन जुटाए थे और वह सर्वाधिक रन जुटाने वाले खिलाड़ी रहे थे।

एसीसी के खेल विकास प्रबंधक तुसिथ परेरा को भेजे गए ईमेल में मेजबान प्रसारक ने अंसतोष व्यक्त किया है कि कैसे कोहली की अनुपस्थिति से टूर्नामेंट कवरेज के वित्तीय पहलू पर असर पड़ेगा।

ईमेल के अनुसार, ' हमारे विचार से एशिया कप के लिए दुनिया के एक सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज की अनुपस्थिति की घोषणा टूर्नामेंट से महज 15 दिन पहले करना हमारे (टूर्नामेंट प्रसारक) लिए करारा झटका है और इससे टूर्नामेंट से राजस्व और वित्तीय लाभ पर गहरा असर पड़ेगा।'

ब्रॉडकास्‍टर ने एसीसी को बीसीसीआई से संपर्क करने को कहा था

प्रसारकों ने एसीसी से बीसीसीआई से संपर्क करने को कहा और उन्होंने यह स्पष्ट किया कि मीडिया अधिकार करार (एमआरए) की प्रतिबद्धताओं के अंतर्गत एसीसी को यह सुनिश्चित करना होता है कि सर्वश्रेष्ठ टीमें टूर्नामेंट में भाग लें।

'नेशनल टीम का चयन देश की संस्‍था के अधिकार क्षेत्र में आता है'

बीसीसीआई ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय टीम का चयन देश की संस्था के अधिकार क्षेत्र में आता है और किसी भी तरह के बाहरी हस्तक्षेप को अनुमति नहीं दी जाएगी।

बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी ने परेरा को उत्तर दिया, ' कृप्या इस बात को समझ लीजिये कि टूर्नामेंट में भागीदारी के लिये सर्वश्रेष्ठ टीम का चयन बीसीसीआई का विशेषाधिकार है।'

उन्होंने लिखा, 'एसीसी या इसके प्रसारक किसी एक खिलाड़ी के चयन का दबाव नहीं डाल सकते और न ही किसी चयन समिति के फैसले पर सवाल उठा सकते हैं कि कौन सी टीम विशेष टूर्नामेंट के लिये सर्वश्रेष्ठ होगी।'

(इनपुट- एजेंसी)

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