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IPL से घरेलू मैचों की तुलना करना गलत, दोनों में जमीन-आसमान का अंतर: Jay Shah
कोविड 19 महामारी के चलते बीसीसीआई अपने घरेलू टूर्नामेंटों का आयोजन नहीं कर पाया है, जबकि IPL के लिए उसने रास्ता ढूंढ लिया.
कोविड- 19 महामारी के कारण भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) देश में कई घरेलू टूर्नामेंटों का आयोजन नहीं करा पा रहा है. लेकिन इस महामारी के बीच उसने अपनी ग्लैमर और चकाचौंध से भरी टी20 लीग आईपीएल के दोनों सत्रों का आयोजन कराया है. ऐसे में बीसीसीआई पर आरोप लग रहे हैं वह रणजी ट्रॉफी जैसे राष्ट्रीय टूर्नामेंटों की जगह आईपीएल को ज्यादा तरजीह दे रहा है. लेकिन बीसीसीआई ने इन आरोपों को 'गैर जरूरी और अनुचित' करार देते हुए कहा कि 2000 से ज्यादा मैचों वाली घरेलू क्रिकेट की तुलना आईपीएल करना गलत है. इनमें जमीन आसमान का फर्क है.
कोविड-19 महामारी के दौरान हजारों खिलाड़ियों और सहायक कर्मचारियों के लिए जैव-सुरक्षित माहौल बनाने की परिचालन संबंधी कठिनाइयों के कारण पिछले साल रणजी ट्रॉफी के अलावा जूनियर स्तर के किसी भी घरेलू क्रिकेट का आयोजन नहीं हुआ था.
टूर्नामेंटों के आयोजन नहीं होने से खिलाड़ियों की कमाई नहीं हो सकीं, तो वही दूसरी तरफ बीसीसीआई को आईपीएल पर ज्यादा ध्यान देने के कारण काफी आलोचना का सामना करना पड़ा.
'गल्फ न्यूज' के मुताबिक टी20 वर्ल्ड कप और इंडियन प्रीमियर लीग की तैयारियों के लिए दुबई और मस्कट गए जय शाह (Jay Shah) ने कहा, 'मुझे लगता है कि आलोचना गैरजरूरी और अनुचित है. हमने 2020 में भी महामारी के बीच में, सभी सावधानियों के साथ सैयद मुश्ताक अली टूर्नामेंट, विजय हजारे टूर्नामेंट और सीनियर महिला एक दिवसीय टूर्नामेंट का आयोजन किया.'
शाह ने कहा कि दोनों (आईपीएल और घरेलू सत्र) आयोजनों में मैचों की संख्या और आवश्यक लॉजिस्टिक्स की तुलना नहीं की जा सकती है. उन्होंने कहा, 'आईपीएल की तुलना किसी अन्य भारतीय घरेलू टूर्नामेंटों से करना सही अकलन नहीं होगा. आईपीएल फ्रैंचाइजी आधारित टूर्नामेंट है और यह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों, कोचों, सपोर्ट स्टाफ के लिए एक मंच है, जहां वे अपना कौशल दिखा सकते हैं.'
बोर्ड सचिव ने कहा, 'भारतीय घरेलू सत्र में 2000 से अधिक मैच होते हैं, जबकि आईपीएल में 60 मैच खेले जाते हैं. भारत में क्रिकेट प्रणाली काफी बड़ा और विविधतापूर्ण है, जब इतने सारे राज्य कोविड-19 महामारी से जूझ रहे हो तब पूरे सत्र का आयोजन करना आसान नहीं होगा.'
आईपीएल का आयोजन सात सप्ताह का होता है, जबकि पुरुषों, महिलाओं और आयु वर्ग के क्रिकेट के साथ पूरे घरेलू सत्र में 38 टीमों के साथ पूरा होने में लगभग छह महीने लगते हैं.
शाह ने अंडर-19 और अंडर-16 टूर्नामेंटों के आयोजन नहीं करने को सही ठहराते हुए कहा, 'आपको पूरे घरेलू सत्र में यात्रा और इसमें लगने वाले समय को भी ध्यान में रखना होगा. ऐसी परिस्थितियों में वे अपनी जान जोखिम में डाल रहे होंगे, जो कभी नहीं होना चाहिए. ऐसे माहौल में आयु वर्ग के टूर्नामेंट का आयोजन करना और युवा क्रिकेटरों के करियर को खतरे में डालना सही नहीं है.'
उन्होंने कहा, 'हमने स्थिति में सुधार के बाद पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए आयु समूहों में 2127 घरेलू मैचों के पूरे सत्र की घोषणा की है.'
(इनपुट : भाषा)
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