बीसीसीआई को बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने कोर्ट में घसीटा, ये है कारण
"बीसीसीआई ने बिहार के किसी भी क्रिकेट संघ को विजय हजारे ट्राफी में खेलने के लिए आमंत्रित नही किया।"
रणजी ट्राफी और अन्य राष्ट्रीय चैंपियनशिप में बिहार को हिस्सा लेने वाले आदेश का पालन नहीं करने पर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने बीसीसीआई के कुछ अधिकारियों के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया है। मांग की गई है कि इनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करने की कार्रवाई की जानी चाहिए।
बीसीसीआई के कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी , मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी और कार्यकारी अध्यक्ष सी . के . खन्ना के खिलाफ अवमानना कीकार्रवाई की मांग पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति ए . एम खानविलकर और डी . वाई . चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने कहा कि वे इस मुद्दे पर बाद में सुनवाई करेंगे। इस मामले की त्वरित सुनवाई की मांग पर उन्होंने कहा , ‘‘हमने बीसीसीआई के मुद्दे पर पहले ही आदेश पारित किया है। इस मामले को बाद में देखेंगे।’’ बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की तरफ से अपनी दलीलों के दौरान आरोप लगाया लगाया गया कि बीसीसीआई ने बिहार के किसी भी क्रिकेट संघ को विजय हजारे ट्राफी में खेलने के लिए आमंत्रित नही किया।
बता दें कि इसी सप्ताह कोलकाता में बीसीसीआई की एक मीटिंग हुई थी, जिसमें सौरव गांगुली की अगुवाई वाली बीसीसीआई की तकनीकी समिति ने सीओए की अगले साल से बिहार को रणजी ट्राफी में शामिल करने की सिफारिश पर अपनी आपत्ति पेश की थी। जनरल मैनेजर (क्रिकेट संचालन) सबा करीम ने सिफारिश पेश की। इस मीटिंग में मौजूद बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि सबा करीम के बिहार को प्रथम श्रेणी क्रिकेट में शामिल करने का सुझाव रखने के बाद समिति ने एक मत से ये महसूस किया कि इस संबंध में उचित प्रक्रिया अपनायी जानी चाहिए।
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