जड्डू के कप्तानी छोड़ने पर MS Dhoni ने खुलकर रखी अपनी बात, 'चम्मच से खाना खिलाकर मदद नहीं कर सकता'
रवींद्र जडेजा ने आईपीएल 2022 के शुरुआती आठ मैचों में कप्तानी की और टीम को केवल दो जीत नसीब हुई। कप्तानी के दबाव में जड्डू का खुद का प्रदर्शन भी प्रभावित होता नजर आया.
सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ चेन्नई सुपर किंग्स (SRH vs CSK) को मिली जीत के बाद महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) ने रवींद्र जडेजा के कप्तानी छोड़ने को लेकर खुलकर अपनी बात रखी. माही का कहना है कि वो जड्डू की मदद कर सकते हैं लेकिन चम्मच से पकड़कर खाना नहीं खिला सकते हैं. उन्हें स्वयं ही अपने निणयों की जिम्मेदारी लेनी थी. कप्तानी के चलते उनका निजी प्रदर्शन भी प्रभावित होने लगा जिसे देखना कोई भी फैन नहीं चाहेगा.
मैच के बाद स्टार स्पोर्ट्स के आधिकारिक प्रसारणकर्ता से बातचीत के दौरान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा, “रवींद्र जडेजा को बीते सीजन के दौरान ही पता था कि इस साल उन्हें कप्तानी दी जाएगी. उसे यह बात पता थी. लीडरशिप की भूमिका के लिए तैयारी करने के लिए उसे समय दिया गया. महत्वपूर्ण यह है कि जडेजा को टीम को लीड करने दिया जाए. मैं चाहता था कि टीम की लीडरशिप में यह बदलाव हो. पहले दो मैचों के दौरान मैंने कप्तानी के दौरान जड्डू की मदद भी की. इसके बाद मैंने भी नेतृत्वी की जिम्मेदारी उसी पर छोड़ दी. अब उसे ही यह निर्णय लेना था कि किस गेंदबाज का इस्तेमाल करना है. कैसे फील्ड लगानी है.”
उन्होंने आगे कहा, “इस सीजन के अंत में मैं जडेजा को यह अहसास नहीं कराना चाहता था कि पूरे टूर्नामेंट में मैदान में कप्तानी किसी और ने की है. वो केवल टॉस के लिए जा रहा है. चम्मच से खाना खिलाकर मैं कप्तान की मदद नहीं कर सकता था. आपको स्वयं महत्वपूर्ण निर्णय लेने होंगे और उन निणयों की जिम्मेदारी भी उठानी होगी. कप्तान बनने के बाद आपको बहुत सारी चीजों का ध्यान रखना होता है. इसमें आपका खुद का प्रदर्शन भी शामिल है.”
महेंद्र सिंह धोनी ने कहा, “मैंने महसूस किया की कप्तानी के चलते जडेजा का अपना खेल भी प्रभावित हो रहा है क्योंकि मुझे जडेजा एक बल्लेबाज, गेंदबाज और फिल्डर के रूप में पसंद है. अगर आप कप्तानी छोड़ देते हो और बल्लेबाजी, गेंदबाजी व फिल्डिंग में अपना सर्वश्रेष्ठ देते हो तो वो मेरे लिए अच्छा है. हम एक अच्छे फिल्डर को मिस कर रहे हैं. मिड विकेट पर एक अच्छी फिल्डर की कमी टीम को खल रही है.”
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