तेजी से उभरते हुए युवा भारतीय बल्लेबाज देवदत्त पडीक्कल (Devdutt Padikkal) ने अपना पहला प्रथम श्रेणी शतक जड़कर अपनी टीम कर्नाटक को मजबूत स्थित में पहुंचा दिया है. 21वर्षीय पडीक्कल का यह 19वां प्रथम श्रेणी मैच है और उन्होंने पहली बार लाल गेंद के फॉर्मेट में शतक अपने नाम किया है. पुड्डुचेरी के खिलाफ खेले जा रहे इस मैच में वह 161 रन बनाकर नाबाद हैं, कप्तान मनीष पांडे (21*) के साथ नाबाद हैं. शुक्रवार को जब वह क्रीज पर उतरेंगे तो अपनी इस पारी को दोहरे शतक में बदलने को बेताब होंगे. पहले दिन का खेल खत्म होने तक कर्नाटक ने 3 विकेट के नुकसान पर 293 रन जोड़ लिए हैं.
इस मैच में पुड्डुचेरी ने टॉस जीतकर कर्नाटक को पहले बल्लेबाजी का निमंत्रण दिया था. उसने शुरुआत में ही 2 विकेट झटककर अपने फैसले को सही साबित भी किया. सलामी बल्लेबाज आर समर्थ (11) और करूण नायर (6) सस्ते में आउट हो गए लेकिन इसके बाद पडीक्कल ने कृष्णमूर्ति सिद्धार्थ (85) के साथ तीसरे विकेट के लिए 223 रन जोड़कर टीम को मजबूत स्थिति में ला दिया. अपनी इस बेहतरीन पारी की बदौलत लेफ्टहैंडर बल्लेबाज पडीक्कल ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 1000 रन भी पूरे कर लिए हैं.
पडिक्कल और सिद्धार्थ चाय तक स्कोर दो विकेट पर 204 रन तक ले गए. इस बीच पडिक्कल ने 277 गेंदों पर 20 चौकों और दो छक्कों की मदद से अपना शतक पूरा किया. एक अन्य मैच में जम्मू कश्मीर को रेलवे ने 258 रन पर आउट कर दिया. कामरान इकबाल ने सर्वाधिक 83 रन बनाए. रेलवे के लिए कप्तान और लेग स्पिनर कर्ण शर्मा ने 76 रन देकर 6 विकेट लिए.
इस मैच से पहले पडीक्कल इस सीजन अपनी होम टीम कर्नाटक की ओर से रणजी ट्रॉफी में शुरुआती 2 मैच भी खेले थे. लेकिन तब वह रेलवे के खिलाफ सीजन के अपने पहले मैच में 21 और 4 रन, जबकि जम्मू और कश्मीर के खिलाफ 8 और 49 रन बनाकर आउट हो गए. प्रथम श्रेणी क्रिकेट में वह अब तक 19 मैचों में खेली कुल 36 पारियों में 10 हाफ सेंचुरी ही बना पाए थे.