सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त की गई प्रशासकों की समिति (सीओए)और बीसीसीआई के बीच टकराव की स्थिति आम बात है एक बार ऐसा ही टकराव उस वक्त देखने को मिला जब सीओए के प्रमुख विनोद राय ने बीसीसीआई द्वारा उन्हें भारत में डे-नाइट मैच कराने के मुद्दे पर अंधेरे में रखने का आरोप लगाया। इस साल के अंत में अक्टूबर महीने में वेस्ट इंडीज टीम को भारत दौरा करना है। इस दौरान दोनों टीमों के बीच डे-नाइट मैच प्रस्तावित किया गया है। टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने भी टीम मैनेजमेंट को डे-नाइट मैच कराने के संकेत दिए थे। शास्त्री ने कहा था कि दूसरी श्रेणी की टेस्ट टीम के साथ डे-नाइट मैच कराया जा सकता है। बीसीसीआई के अधिकारी दबे शब्दों में यह कह रहे हैं कि विनोद राय बेवजह भारत में डे-नाइट मैच कराने के मुद्दे को विवादित बना रहे हैं।
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एक अधिकारी ने कहा, जहां तक नीतिगत फैसलों का सवाल है निश्चित तौर पर विनोद राय एक दम सही हैं। बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना और कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी को भी हर नीतिगत फैसले में संज्ञान में लिया जाना चाहिए थे, जो बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी और सीईओ राहुल जोहरी ने नहीं किया। लेकिन कड़वा सच यह भी है कि कई मौकों पर विनोद राय ने भी कार्यवाहक अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष को संज्ञान में नहीं लिया था।
इससे पहले वर्ष 2016 में भी भारत और न्यूजीलैंड के बीच डे-नाइट टेस्ट मैच खेले जाने का प्रस्ताव था, जो नहीं हो सका। बीते वर्ष ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज सीरीज के दौरान एडिलेट और ओवल में दो डे- नाइट मैच खेले गए थे। ऑस्ट्रेलिया के खेल प्रेमियों ने डे-नाइट टेस्ट मैचों को खूब पसंद किया था।