पश्चिम बंगाल के वेटलिफ्टर अचिंता शेउली ने इंग्लैंड के बर्मिंघम में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में कमाल कर दिखाया है। 20 वर्षीय अंचिता ने 73 किग्रा भार वर्ग में स्वर्ण पदक पर जीत हासिल कर भारत देश का नाम रोशन किया है । राष्ट्रमंडल खेल के 2022 सत्र में भारत के नाम यह तीसरा स्वर्ण पदक है। भारत को अब तक कुल छह पदक मिले और सभी 6 पदक वेटलिफ्टिंग में ही आए हैं। 313 किग्रा भार उठाकर पहला स्थान हासिल करने वाले अचिंता शेउली के लिए वेटलिफ्टिंग में करियर बनाना बहुत आसान नहीं था।
20 वर्षीय अचिंता शेउली का जन्म 24 नवंबर 2001 को पश्चिम बंगाल के हावड़ा में हुआ था। उनके पिता जगत परिवार को पालने के लिए रिक्शा चलाते थे। अचिंता के पिता रिक्शा चलाने के अलावा मजदूरी भी करते थे, जिससे वह अपने परिवार का भरण पोषण कर पाते थे। साल 2011 में पहली बार अचिंता ने वेटलिफ्टिंग के बारे में जानने के लिए उत्सुकता दिखाई। तब उनकी उम्र महज 10 साल थी।
अचिंता के बड़े भाई स्थानीय जिम में ट्रेनिंग करते थे। उन्होंने ही अचिंता को वेटलिफ्टिंग के बारे में बताया। अचिंता के लिए प्रशिक्षण लेना भी आसान नहीं था, क्योंकि अपने घर की कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण वह इसके लिए सक्षम नहीं थे।
2013 में स्थिति अचानक और खराब हो गई, जब उनके पिता की मौत हो गई। पिता की मौत के बाद बड़े भाई आलोक ही परिवार में एकमात्र कमाने वाले बचे थे।
अचिंता की मां पूर्णिमा ने भी परिवार के पालन पोषण के लिए छोटे-मोटे काम करने शुरू कर दिए। यह वह समय था, जब उन्होंने साल 2012 में एक डिस्ट्रिक्ट मीट में रजत पदक जीतकर स्थानीय स्पर्धाओं में भाग लेने का सफरनामा शुरू कर दिया।
खेल के प्रति जुनून रखने वाले अचिंता शेउली के लिए साल 2018 एक यादगार वर्ष साबित हुआ। उन्होंने जूनियर और सीनियर कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। इतना ही काफी नहीं था कि वर्ष 2019 में एसएएफ खेलों में अचिंता ने एक और स्वर्ण पदक जीत लिया।
अचिंता ने 18 साल की उम्र में सीनियर नेशनल में 2019 में स्वर्ण हासिल किया था।
कोरोना महामारी के बाद इस युवा खिलाड़ी ने 2021 में कॉमनवेल्थ सीनियर चैंपियनशिप में पहला स्थान हासिल किया। उन्होंने उसी वर्ष जूनियर विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। वर्तमान 2022 सत्र में वह एक बार फिर राष्ट्रमंडल खेलों में चैंपियन बन गए हैं।