रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा (File photo)पूर्व भारतीय स्पिनर मुरली कार्तिक ने भारत के स्पिन गेंदबाजों में क्वालिटी की कमी पर चिंता व्यक्त की है। भारत के लिए आठ टेस्ट, 37 वनडे और एक टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले कार्तिक को लगता है कि हालांकि आज के स्पिनर सक्षम हैं, लेकिन उनके पास अब वैसी कला या खतरा नहीं है जैसा कि भारत की पिछली पीढ़ी के स्पिनरों के पास है।
पूर्व बाएं हाथ के स्पिनर ने द लास्ट विकेट पॉडकास्ट पर कहा, “इसे लेकर कई मुद्दे हैं। गुणवत्ता या कौशल देखें, आप एक निश्चित तरीके से स्पिन देखते हैं। एक स्पिनर, जैसा कि मुझे बताया गया था कि जब मैंने पहली बार बिशन बेदी से स्पिन सीखा, वो एक ऐसा व्यक्ति है जो गेंद को स्पिन करता था। वो पहली बात है, स्पिन गेंदबाजी की कला विकेटों की अहमियत निर्धारित करने से है। इसलिए, अगर आप पिछले कुछ सालों से कौशल को देखते हैं, तो ये केवल नीचे जा रहा है।”
उन्होंने कहा, “आज चीजें बदल गई हैं और उसके साथ, गुणवत्ता में भारी गिरावट आई है। इसलिए अगर आप मुझसे पूछें कि क्या हमारे पास उस तरह के स्पिनर हैं जो हमारे पास पहले थे, तो जवाब ना होगा। जैसा कि मैंने कहा, ये केवल नीचे जा रहा है। और मैंने हमेशा कहा है कि कई पूर्व स्पिनर, जिन्हें हम बचपन में देखा करते थे, वो अपनी कब्र में परेशान हो रहे होंगे कि ‘ये कैसे गेंदबाज हैं? बेकार गेंदबाज।”
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क्रिकेट इतिहास की शुरुआत से ही भारतीय टीम स्पिन अटैक पर ज्यादा निर्भर रहती थी लेकिन मौजूदा टीम इंडिया पेस अटैक के दम पर खेलती है।
जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा और भुवनेश्वर कुमार जैसे गेंदबाजों वाले तेज गेंदबाजी अटैक की मदद से ही विराट कोहली की भारतीय टीम ने आईसीसी रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल किया है।