उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त लोढा समिति के सुधारों को लागू करने की दिशा में प्रशासकों की समिति (सीओए) ने गुरूवार को निर्देश दिया कि अब बीसीसीआई सचिव नहीं बल्कि चयन समिति का अध्यक्ष चयन संबंधी बैठकों का समन्वयक होगा। विदेश दौरों के लिये बैठक प्रशासनिक प्रबंधक बुलायेंगे।
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निर्देश में साफ तौर पर कहा गया कि अब से सचिव किसी चयन बैठक में भाग नहीं लेगा और ना ही उसकी सहमति की जरूरत टीम में विकल्प को मंजूरी देने के लिये रहेगी। पुराने संविधान के तहत चयन समिति सचिव के कार्यक्षेत्र में आती थी लेकिन इस फैसले के बाद सचिव के अधिकार सीमित रह जायेंगे।
सीओए ने कहा ,‘‘ प्रशासकों की समिति को बताया गया है कि बीसीसीआई का नया संविधान लागू होने के बावजूद चयन समिति की बैठके माननीय सचिव ही बुला रहे थे। यह भी पता चला कि टीम में किसी बदलाव के लिये चयन समिति माननीय सचिव की मंजूरी लेती रही है । इसके अलावा चयनकर्ताओं के क्रिकेट मैचों के लिये जाने संबंधी यात्रा बंदोबस्त के लिये भी सचिव की मंजूरी लेनी पड़ती थी।’’
बीसीसीआई का कामकाज न्यायालय के आदेश और बीसीसीआई के नये संविधान के अनुसार चलाने के लिये ये निर्देश जारी करना जरूरी था :-
1 . विदेश दौरों के अलावा चयन समिति का अध्यक्ष ही चयन समिति की बैठक बुलायेगा जिसमें पुरूष चयन समिति, जूनियर चयन समिति और महिला चयन समिति शामिल है। विदेश दौरों के लिये प्रशासनिक प्रबंधन बैठक बुलायेगा। कोई भी पदाधिकारी या सीईओ किसी क्रिकेट समिति की बैठक में भाग नहीं लेगा।
2 . संबंधित चयन समितियों या प्रशासनिक प्रबंधन को बैठक का विस्तार से ब्यौरा तैयार करना होगा। टीम चयन या बदलाव की घोषणा के बाद अध्यक्ष को अपने हस्ताक्षर के साथ सचिव को यह ब्यौरा देना होगा।
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3 . चयन समिति को किसी चयन या बदलाव या विकल्प के लिये सचिव या सीईओ से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है।
4 . सीईओ चयनकर्ताओं के मैच देखने के लिये यात्रा और अन्य बंदोबस्त करेगा। इस संबंध में ईमेल सीईओ को भेजे जायें।