
भारत के पहले डे-नाइट टेस्ट मैच को लेकर तमाम तरह की आशंकाओं के बीच भारतीय टीम के पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह ने कहा कि पिंक गेंद से उंगली से स्पिन कराने वाले गेंदबाजों की तुलना में कलाई के स्पिनर ज्यादा प्रभावी रहेंगे।
भारतीय टेस्ट टीम में इस वक्त स्पिन गेंदबाजी की कमान रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा के हाथों में है। वहीं, टेस्ट स्क्वाड में कुलदीप यादव भी मौजूद हैं, जिन्होंने लंबे समय से कोई टेस्ट मैच नहीं खेला है।
हरभजन सिंह ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत के दौरान कहा, “पिंक बॉल को सिलाई करके बनाया गया है। ऐसे में गेंद की सीम पर ग्रिप बना पाना किसी भी स्पिनर के लिए आसान काम नहीं होगा। हां, कलाई के स्पिनर को इस गेंद से एडवांटेज रहेगा।”
हरभजन सिंह ने साफ किया कि कुलदीप यादव को प्लेइंग इलेवन में जगह दी जाएगी या नहीं इसका निर्णय टीम मैनेजमेंट को करना है। कुलदीप यादव रणजी ट्रॉफी के दौरान पिंक गेंद से काफी प्रभावी रहे थे।
भज्जी ने समझाया, “जब उंगली से स्पिन कराने वाला गेंदबाज बॉल डालेगा तो वो सीम से बॉल को रिलीज करेगा ताकि उसे टर्न और बाउंस मिल सके। उसे गगली डालने में कठिनाई होगी क्योंकि ऐसी स्थिति में गेंद को पकड़ना मुश्किल होगा। मुथैया मुरलीधरन इस थ्योरी में अपवाद हैं क्योंकि वो उंगली के स्पिर होने के बावजूद भी पिंक बॉल से काफी घातक साबित होते।”
हरभजन सिंह ने कहा बांग्लादेश को भारतीय स्पिनर के सामने गेंदबाजी से पहले तेज गेंदबाजों के खिलाफ टिकने के लिए खुद को तैयार करना है। “डे-नाइट टेस्ट के दौरान साढ़े तीन से साढ़े चार बजे के बीच जब कोलकाता में सूरज ढल रहा होगा तब भारतीय तेज गेंदबाज बांग्लादेशी बल्लेबाजों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाएंगे।”