सबसे बड़ा सवाल- कैसी होगी अहमदाबाद की पिच- जानें कैसी है तैयारी

सबसे बड़ा सवाल- कैसी होगी अहमदाबाद की पिच- जानें कैसी है तैयारी

अहमदाबाद में पिच कैसी होगी यह एक बड़ा सवाल है. आखिर खेल से ज्यादा चर्चा इसी बात को लेकर हुई है. तो आखिर अहमदाबाद की पिच कैसी होगी यह काफी चर्चा का विषय है.

Updated: March 9, 2023 4:17 PM IST | Edited By: Bharat Malhotra
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज में खेल से ज्यादा चर्चा पिच को लेकर है. या कहें कि पिच ही चर्चा का कें द्रहै तो गलत नहीं होगा. सीरीज शुरू होने से पहले से ही पिच पर बहस हो रही थी. और इंदौर टेस्ट के बाद तो पिच बहुत ज्यादा विवादों में है. भारतीय टीम को इंदौर में हुए टेस्ट मैच में नौ विकेट से हार का सामना करना पड़ा है. इसके बाद से पिच और ज्यादा विवादों में है. आईसीसी ने इंदौर के होलकर स्टेडियम की पिच को 'खराब' रेटिंग दी थी. इसके बाद 9 मार्च से होने वाले सीरीज के चौथे और आखिरी टेस्ट मैच की पिच लेकर अनुमान लगाए जाने शुरू हो गए हैं. क्या भारत फिर स्पिनर्स के लिए मददगार पिच पर ही खेलेगा. वैसी काली मिट्टी की पिच जैसी इंदौर में थी या फिर नागपुर या दिल्ली की तरह लाल मिट्टी की पिच होगी.

इसे लेकर कुछ-कुछ बातें सामने आ रही हैं. गुजरात क्रिकेट असोसिएशन के एक आला अधिकारी ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से इस बारे में बात की है. उसने कहा है, 'हम एक स्पोर्टिंग विकेट बनाएंगे. हमने सेंट्रल स्क्वेअर में दोनों तरह की पिचें बनाई हैं. काली और लाल मिट्टी की. यह जल्दी ही तय हो जाएगा कि हम किस तरह की पिच पर खेलेंगे.'

इंदौर में स्पिनर्स के लिए मददगार पिच बनाने का फैसला भारतीय टीम को बैकफायर कर गया. ऑस्ट्रेलिया के स्पिनर्स ने भारतीय बल्लेबाजों को खूब छकाया. नाथन लायन, टैड मर्फी और मैथ्यू कुहेनमैन ने काफी परेशान किया. इसके बाद भारतीय खेमे में इस बात को लेकर विचार किया जा रहा है कि कि अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में किस तरह की पिच तैयार की जाए. इसलिए रोहित शर्मा के यह कहने के स्पिनर्स के लिए मददगार पिच तैयार करने का फैसला टीम ने सीरीज से पहले ही लिया था, के बावजूद टीम प्रबंधन इस पर विचार कर रहा है.

सूत्र के हवाले से अखबार ने आगे लिखा, 'जब हमारे अपने बल्लेबाज स्पिनर्स के खिलाफ अच्छा नहीं खेल रहे तो आखिर ऐसी पिच पर खेलने का क्या औचित्य है जो इतना ज्यादा टर्न हो रही हो.'

पिच के बारे में अभी किसी तरह का पूर्वानुमान करना आसान नहीं है लेकिन यह बात पक्की है कि 'रेतीली पिच' नहीं होगी. हमारी सभी चारों पिचों पर पर्याप्त घास है. बीते कई साल में यह बात साफ हो गई है कि मेहमान टीमों को भी पिच के बारे में तभी पता चलता है जब उस पर खेलना शुरू करते हैं. भारत में 22 गज की पट्टी को हरी से भूरी होने में एक रात से ज्यादा का समय नहीं लगता.

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