पहली बार शुरू हुई वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (ICC World Test Championship) अपने पड़ाव पर पहुंच गई है. अब डेढ़ महीने बाद इसके दूसरे सीजन की शुरुआत होनी है. इससे पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) इस टेस्ट चैंपियशिप के प्वॉइंट्स टेबल में कुछ जरूरी बदलाव करना चाहता है. आईसीसी अपनी प्वॉइंट्स सिस्टम के लिए अब सीरीज के अंक निर्धारित करने के बजाए प्रत्येक मैच के अंक निर्धारित करेगा.
आईसीसी के अंतरिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) ज्योफ अलार्डिस ने सोमवार को कहा कि बहुचर्चित वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप की अंक प्रणाली में दूसरे सत्र (साइकल) के दौरान एक बदलाव हो सकता है, जिसमें प्रति सीरीज 120 अंक आवंटित करने के बजाए हर मैच जीतने पर ‘एक समान अंक’ का प्रावधान होगा.
पिछले चक्र में हर सीरीज के लिए 120 अंक आवंटित था, जिसमें भारत-बांग्लादेश के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए हर मैच के 60 अंक थे, जबकि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली गई चार मैचों की शृंखला में हर मैच के लिए अधिकतम 30 अंक का प्रावधान था.
कोरोना वायरस के कारण पिछले चक्र में कई सीरीज रद्द हो गई, जिससे आईसीसी को प्रतिशत अंक प्रणाली का सहारा लेना पड़ा. इसमें टीम की रैंकिंग का आकलन प्राप्त अंकों को मैचों की संख्या से विभाजित कर के निकाला गया.
अलार्डिस ने कहा, ‘हमने इस चक्र को आखिर तक देखा है और दूसरा चक्र डेढ़ महीने में शुरू हो रहा है. ऐसे में अंक प्रणाली में कुछ बदलाव होंगे.’
उन्होंने कहा, ‘हम प्रति टेस्ट मैच के लिए अंकों की एक मानक तय कर सकते है, ताकि इससे कोई फर्क नहीं पड़े कि यह दो मैचों की टेस्ट शृंखला है या 5 टेस्ट मैचों शृंखला है. ऐसे में खेले जाने वाले प्रत्येक मैच के लिए समान अंक उपलब्ध होंगे.’
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उन्होंने कहा, ‘हर टीम को हालांकि कुल अंकों की जगह उसकी जीत के अंक प्रतिशत के आधार पर आंका जाएगा.’ उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने बीते कैलेंडर (सत्र) को बुरी तरह प्रभावित किया लेकिन भारत-न्यूजीलैंड का फाइनल सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए एक उचित परिणाम है.
(इनपुट: भाषा)