टीम इंडिया के खिलाफ वनडे सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई टीम को 4-1 से हार झेलनी पड़ी थी जिसकी सबसे बड़ी वजह उसका कमजोर मिडिल ऑर्डर था। वनडे सीरीज के दौरान कई मौकों पर अच्छी शुरुआत मिलने के बावजूद ऑस्ट्रेलियाई टीम बड़ा स्कोर खड़ा नहीं कर सकी और इसका खामियाजा उसे हार से चुकाना पड़ा। टी20 सीरीज में भी ऑस्ट्रेलियाई टीम को कमजोर मिडिल ऑर्डर से नुकसान हो सकता है लेकिन उसके पूर्व तेज गेंदबाज माइकल कास्प्रोविज को ऐसा नहीं लगता। कास्प्रोविज के मुताबिक भारत के खिलाफ वनडे सीरीज में ऑस्ट्रेलिया का कमजोर मिडिल ऑर्डर आने वाली टी20 सीरीज में कोई मुद्दा नहीं होगा।
कास्प्रोविज ने एक कार्यक्रम में पीटीआई से कहा, ‘‘ टी20 में मिडिल ऑर्डर के पास ज्यादा समय नहीं होता। आप अपने मुख्य बल्लेबाजों पर भरोसा करते हैं। मुझे लगता है कि ऑस्ट्रेलिया के पास डेविड वर्नर, स्टीव स्मिथ, एरॉन फिंच और ग्लेन मैक्सवेल जैसे खिलाड़ी है जिनके पास आईपीएल का भरपूर अनुभव है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ टीम के साथ कुछ गलत नहीं है। टीम में कुछ युवा खिलाड़ी आये हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित होने में उन्हें समय लगेगा।’’ कास्प्रोविज ने कहा, ‘‘ एक दिवसीय फॉर्मेट में परिस्थितियों के हिसाब से आपको ढलना होता है और ऑस्ट्रेलिया ने एकदिवसीय मैचों में यह काम ठीक से नहीं किया।’’ ऑस्ट्रेलिया के लिये 38 टेस्ट और 43 एकदिवसीय खेलने वाले कास्प्रोविज संन्यास के बाद एमबीए की डिग्री लेकर अब शिक्षा के क्षेत्र में चले गये हैं और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के लिये काम कर रहे हैं। 46 गेंद में शतक ठोंकने वाले के एल राहुल को मिलेगा टी20 सीरीज में मौका
कास्प्रोविज ने टेस्ट सीरीज के लिये दो बार भारत का दौरा किया है इसमें 2004 का वह दौरा भी शामिल है जिसमें ऑस्टेलिया ने भारत को 2-1 से हराया था। इसके बाद टीम भारत में किसी टेस्ट श्रृंखला को जीतने में कामयाब नहीं हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘ भारत में खेलना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहता है। आपको तुरंत हालात से तालमेल बैठाने की जरुरत होती है। आज कल अभ्यास मैच भी ज्यादा नहीं होते इसलिये जो भी मौका मिले उसे भुनाना पड़ेगा। ’’ लगभग 20 साल पहले शारजहां में सचिन तेंदुलकर की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गयी यादगार पारी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ कब था ये? लगभग 19 साल पहले, मुझे लगता है सचिन ने तब किसी सपने की तरह खेला था।’’ विराट की सचिन से तुलना करने पर उन्होंने कहा, ‘‘ सचिन तेंदुलकर सिर्फ एक ही हो सकता है, हालांकि विराट का रिकार्ड कमाल का है और वह टीम का नेतृत्व अच्छे से कर रहे हैं। लेकिन आप सचिन की तुलना किसी और से नहीं कर सकते।’’
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