Advertisement

सौरव गांगुली को दोबारा BCCI अध्‍यक्ष बनाने के लिए राजनीति गर्म, BCA की तरफ से आई ये प्रतिक्रिया

सौरव गांगुली का बतौर बीसीसीआई अध्‍यक्ष कार्यकाल इसी महीने खत्‍म हो रहा है।

सौरव गांगुली को दोबारा BCCI अध्‍यक्ष बनाने के लिए राजनीति गर्म, BCA की तरफ से आई ये प्रतिक्रिया
Updated: July 21, 2020 11:07 PM IST | Edited By: Sandeep Gupta

बीसीसीआई अध्‍यक्ष सौरव गांगुली का कार्यकाल जल्‍द ही खत्‍म होने वाला है। जिसे देखते हुए दादा और सचिव जय शाह ने सुप्रीम कोर्ट में कार्यकाल को बढ़ाने के लिए याचिका लगाई है। इस मामले में बिहार क्रिकेट संघ के सचिव ने अध्‍यक्ष पद पर बने रहने के लिए गांगुली का समर्थन किया है।

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) स्पॉट फिक्सिंग के याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह की विराम अवधि (कूलिंग ऑफ पीरियड) को हटाने के मसले पर जब उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के लिये आएगा तो उनका वकील इसका विरोध नहीं करेगा।

बिहार क्रिकेट संघ (सीएबी) के सचिव वर्मा 2013 स्पॉट फिक्सिंग मामले के मूल याचिकाकर्ता हैं। इसी के बाद उच्चतम न्यायालय ने लोढ़ा पैनल का गठन किया जिसकी सिफारिशों पर दुनिया के सबसे धनी बोर्ड के संविधान में आमूलचूल सुधार किये गये।

बीसीसीआई के नये संविधान के अनुसार राज्य संघ या बोर्ड में छह साल के कार्यकाल के बाद तीन साल की विराम अवधि पर जाना अनिवार्य है। गांगुली और शाह ने पिछले साल अक्टूबर में पदभार संभाला था और तब उनके राज्य और राष्ट्रीय इकाई में छह साल के कार्यकाल में केवल नौ महीने बचे थे। वर्मा ने कहा कि बोर्ड में स्थायित्व के लिये गांगुली और शाह का बने रहना जरूरी है।

वर्मा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैं शुरू से कहता रहा हूं कि सौरव गांगुली बीसीसीआई की अगुवाई करने के लिये सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति हैं। मेरा मानना है कि बीसीसीआई में स्थायित्व के लिये दादा और जय शाह का पूरे कार्यकाल तक बने रहना जरूरी है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर दादा बीसीसीआई अध्यक्ष पद बने रहते हैं तो मैं सीएबी की तरफ से उनका विरोध नहीं करूंगा। इन नौ महीनों से चार महीने पहले ही कोरोना वायरस के कारण गंवा दिये गये हैं तथा किसी भी प्रशासक को अपनी योजनाओं और नीतियों को लागू करने के समय चाहिए होता है।’’

Advertisement

LIVE SCOREBOARD

No live matches

Advertisement