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24 साल पहले आज ही के दिन शारजाह के मैदान पर आया था सचिन तेंदुलकर नाम का तूफान
आज ही के दिन साल 1998 में, महान भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने शारजाह में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अब तक की सबसे बेहतरीन वनडे पारियों में से एक खेली थी, जिसे क्रिकेट जगत में 'डेजर्ट स्टॉर्म' के रूप में जाना जाता है.
शेन वार्न (Shane Warne), माइकल कास्प्रोविक्ज़ (Michael Kasprowicz) और डेमियन फ्लेमिंग (Damien Fleming) जैसे घातक गेंदबाजों के खिलाफ बल्लेबाजी करते हुए मास्टर ब्लास्टर ने शारजाह में उस दिन आए रेगिस्तान के तूफान के अंदाज में 143 रनों की पारी खेली थी.

ये मैच मशहूर कोका-कोला कप का हिस्सा था, जो भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया था. इस मैच से पहले, भारत ने अपने तीन मैचों में से केवल एक जीता था और फाइनल में पहुंचने के लिए नेट रन रेट भारत की आखिरी उम्मीद थी चूंकि न्यूजीलैंड भी तीन में से एक ही मैच जीत पाया था. जबकि ऑस्ट्रेलिया ने अपने तीनों मैच जीतकर फाइनल में जगह बनाई थी.
ऐसे में ये मैच भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण था, क्योंकि ये फाइनल में जगह बनाने का आखिरी मौका था. ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला करते हुए अपने 50 ओवरों में 7 विकेट पर 284 रन बनाए. ऑस्ट्रेलियाई टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही क्योंकि उन्होंने एडम गिलक्रिस्ट का विकेट 17 के स्कोर पर मध्यम गति के हरविंदर सिंह के खिलाफ खो दिया.
जिसके बाद रिकी पॉन्टिंग और मार्क वॉ ने पारी को आगे बढ़ाया. पॉन्टिंग ने 14वें ओवर में भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह के खिलाफ आउट होने से पहले 31 रन बनाए बनाए और मार्क वॉ ने 81 रन बनाकर 32वें ओवर में तेंदुलकर का शिकार बने थे.
ऑस्ट्रेलिया के लिए फिनिशर माइकल बेवन ने डेरेन लेहमैन (26) के समर्थन से, नाबाद 101 रन बनाकर, नाबाद 101 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया को 50 ओवरों में 7 विकेट पर 284 रनों पर पहुंचा दिया.
285 रनों का पीछा करते हुए, भारत ने नौवें ओवर में 38 के स्कोर पर सौरव गांगुली (17 रन) का विकेट खो दिया. सचिन तेंदुलकर ने विकेटकीपर बल्लेबाज नयन मोंगिया के साथ मिलकर पारी को संभाला लेकिन 22वें ओवर में मोंगिया के 35 रन पर आउट होने के बाद भारतीय टीम फिर लड़खड़ाने लगी.

इस बीच तेंदुलकर अच्छे टच में दिख रहे थे और ऑस्ट्रेलिया के शानदार गेंदबाजी अटैक के खिलाफ बेहतरीन बल्लेबाजी कर रहे थे. इस दौरान शारजाह में आए एक रेतीले तूफान ने भारतीय पारी को 25 मिनट तक बाधित कर दिया, हालांकि ये तूफान सचिन की तूफानी पारी को रोक ना पाया.
ब्रेक के बाद लक्ष्य को 46 ओवर में 276 में संशोधित किया गया. दोबारा खेल शुरू होने पर सचिन ने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी जारी रखी और 131 गेंदो पर 9 चौकों और 5 छक्कों की मदद से 143 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली. जिसकी बदौलत भारत ने 42.5 ओवर में चार विकेट के नुकसान पर 242 रन बना लिए.
जब भारत को जीत के लिए 19 गेंदो पर मात्र 34 रन की जरूरत थी तो तेंदुलकर डेमियन फ्लेमिंग की गेंद पर कैच आउट हो गए. जिसके बाद टीम इंडिया 46 ओर में 250/5 का स्कोर ही बना पाई और ऑस्ट्रेलिया ने 26 रन से मैच जीत लिया.
हालांकि सचिन की इस धमाकेदार पारी की बदौलत भारत का नेट रन रेट न्यूजीलैंड से ऊपर पहुंचा और टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोका कोला कप के फाइनल में जगह बनाई. 24 अप्रैल 1998 यानि कि सचिन के 25वें जन्मदिन पर खेले गए फाइनल मुकाबले में एक और धमाकेदार शतक जड़ सचिन ने भारत को 6 विकेट से खिताबी जीत दिलाई.
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