लंदन: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड़ को साल 2007 की इंग्लैंड सीरीज याद दिलाई है. गांगुली ने याद दिलाया कि उस समय टीम ने इंग्लैंड में सीरीज जीती थी और उसके लिए क्या रणनीति अपनाई थी. वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के दूसरे दिन का खेल शुरू होने से पहले गांगुली ने कहा कि पहले दिन भारतीय गेंदबाजों ने थोड़ी छोटी लेंथ पर गेंदबाजी की.
दी ओवल में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे इस मैच के पहले दिन ऑस्ट्रेलिया ने तीन विकेट पर 327 रन का बड़ा स्कोर हासिल कर लिया है. ऑस्ट्रेलिया की ओर से ट्रेविस हेड ने 146 और स्टीव स्मिथ ने 95 रन की नाबाद पारियां खेली हैं. दोनों के बीच चौथे विकेट के लिए 251 रन की साझेदारी हो चुकी है.
गांगुली ने स्टार स्पोर्ट्स पर मैच के बारे में बात करते हुए कहा, ‘बाहर यह कहना बहुत आसान है कि अगर मैं कप्तान होता तो क्या करता. मुझे पूरा यकीन है कि रोहित शर्मा ने अपनी ओर से सब कुछ आजमाया होगा. लेकिन कई बार जब गेंदबाज सही लय में नहीं होते तो बहुत मुश्किल हो जाती है. हमारे गेंदबाज दो-तीन महीने टी20 क्रिकेट खेलकर आए हैं. और यह उनकी गेंदबाजी में दिखा भी. मोहम्मद शमी भी जब शुरुआत में गेंदबाजी कर रहे थे तो उनकी लेंथ थोड़ी छोटी थी.’
गांगुली ने कहा, ‘मुझे याद है कि साल 2007 में जब हम यहां आए थे तो राहुल द्रविड़ की कप्तानी में हमने यहां टेस्ट सीरीज जीती थी. हमने 21 साल बाद इंग्लैंड को इंग्लैंड में हराकर टेस्ट सीरीज पर कब्जा किया था. मुझे याद है कि हमने अपने गेंदबाजों को साफ निर्देश दिया था कि आपने स्क्वेअर ऑफ द विकेट रन नहीं खाने. हमने जानबूझकर पॉइंट और स्क्वेअर लेग फील्डर हटा दिया था. गेंदबाजों को हिदायत थी कि कवर्स पर ही रन बनाने को मजबूर करना है. हमारे पास जहीर खान, आरपी सिंह और श्रीसंत जैसे स्विंग गेंदबाज थे. हमने उन्हें ऐसा करने के लिए कहा और यह काम कर गया. हम टेस्ट मैच जीते और फिर सीरीज भी. मुझे लगता है कि राहुल को उसी से सीखना चाहिए.’