मध्य प्रदेश ने रणजी ट्रॉफी 2021-22 के पहले सेमीफाइनल मुकाबले में बंगाल को 174 रनों से मात देकर इतिहास रच दिया। इस जीत के दम पर मध्य प्रदेश ने टूर्नामेंट के फाइनल में दूसरी बार जगह बनाई। बता दें, मध्य प्रदेश 23 साल बाद रणजी के फाइनल में पहुंचा है। इससे पहले मध्य प्रदेश की टीम 1999 में फाइनल में जगह बनाई थी और तब उसे खिताबी मुकाबले कर्नाटक के हाथों बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में हार का सामना करना पड़ा था।
दिलचस्प बात ये है कि जब मध्य प्रदेश ने जब 1999 में फाइनल खेला था तब टीम के कप्तान चंद्रकांत पंडित थे और इस समय वह मध्य प्रदेश टीम के कोच हैं। उस वक्त भी फाइनल एम चिन्नास्वामी में खेला गया था और इस बार का फाइनल भी इसी मैदान पर खेला जाना है। अब देखना दिलचस्प होगा कि चंद्रकांत की कोचिंग में मध्य प्रदेश पहली बार चैंपियन बनने में सफल होता है या नहीं।
मैच की बात करें तो मध्य प्रदेश ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में हिमांशु मंत्री (165) के शतक के दम पर 341 रन बनाए। इसके जवाब में बंगाल की टीम मनोज तिवार और शाहबाज अहमद के शतक के बावजूद 273 रनों पर ढेर हो गई। दूसरी पारी में एमपी की ओर से कप्तान आदित्य श्रीवास्तव ने 82 की पारी खेली और टीम को 281 के स्कोर तक पहुंचाया। इसके बाद 350 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी बंगाल की टीम महज 175 रनों पर ढेर हो गई। दूसरी पारी में एमपी की ओर से कुमार कार्तिकेय ने 5 और गौरव यादव ने 3 विकेट अपने नाम किए। वहीं, 2 विकेट सारांश जैन के खाते में गए।