लंदन: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में चेतेश्वर पुजारा के आउट होने के तरीके से बहुत निराश हैं. मैच के दूसरे दिन पुजारा कैमरन ग्रीन की गेंद को छोड़ने के प्रयास में बोल्ड हो गए. पुजारा को उम्मीद थी कि गेंद अपनी लाइन पर रहेगी और विकेटकीपर के पास जाएगी. उन्होने गेंद की लाइन कवर नहीं की और यही उनकी गलती थी. गेंद टप्पा लगने के बाद अंदर आई और ऑफ स्टंप से जाकर टकरा गई. आउट होने के बाद पुजारा के चेहरे पर निराशा थी.
इससे पहले शुभमन गिल भी गेंद को छोड़ने के प्रयास में आउट हो गए थे. उनकी भी गेंद ऑफ स्टंप से जाकर लगी थी. हालांकि कॉमेंट्री कर रहे रवि शास्त्री का मानना था कि पुजारा जैसे अनुभवी बल्लेबाज को इस गेंद का सामना बेहतर तरीके के करना चाहिए था. शास्त्री का कहना है कि पुजारा को गेंद की लाइन कवर करनी चाहिए थी.
दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद भारतीय टीम संकट में है. ऑस्ट्रेलिया के पहली पारी में 469 रन के स्कोर के जवाब में दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक भारतीय टीम ने पांच विकेट पर 151 रन बनाए हैं. भारतीय टॉप ऑर्डर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी के सामने टिक नहीं पाया. टॉप 4 में से कोई भी बल्लेबाज 20 रन के आंकड़े तक नहीं पहुंचा. रविंद्र जडेजा ने 48 रन बनाकर पारी को थोड़ा सहारा दिया लेकिन दिन का खेल समाप्त होने से पहले ऑफ स्पिनर नाथन लायन ने उन्हें आउट कर दिया.
शास्त्री ने कहा, ‘शुभमन गिल सीख जाएंगे लेकिन चेतेश्वर पुजारा को इस तरह आउट होने पर निराश होना चाहिए. उनका फ्रंट फुट कम से कम एक फुट आगे होना चाहिए था और फिर अक्रॉस.’
पुजारा ने काउंटी क्रिकेट में ससेक्स के लिए खूब रन बनाए थे. उनका बल्लेबाजी औसत 91 का था. और इसी के आधार पर उनकी भारतीय टेस्ट टीम में वापसी हुई थी. हालांकि पुजारा वापसी के बाद कुछ ज्यादा नहीं कर पाए. टीम इंडिया शुरुआती दो विकेट खोकर मुश्किल में थी ऐसे में पुजारा जैसे अनुभवी बल्लेबाज से विकेट पर टिककर खेलने की उम्मीद थी. लेकिन भारतीय बल्लेबाजी क्रम की दीवार कहे जाने वाले पुजारा लंबी पारी नहीं खेल पाए. उनके आउट होने के बाद भारतीय टीम की स्थिति कमजोर हो गई.