ravi shastri and shahid afridi on odi formatआजकल क्रिकेट में सबसे ज्यादा जिस चीज की चर्चा है वह है एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट। इसकी लोकप्रियता, उपयोगिता और भविष्य को लेकर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं। पाकिस्तान के महान तेज गेंदबाज वसीम अकरम ने तो इस फॉर्मेट को खत्म तक करने की मांग कर दी। हालांकि इस बीच कुछ ऐसे भी पूर्व क्रिकेटर भी हैं तो इसे कायम तो रखना चाहते हैं लेकिन इस फॉर्मेट में थोड़े बदलाव को समय की मांग बताते हैं। इसमें से एक हैं भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री। शास्त्री का मानना है कि 50 ओवरों के फॉर्मेट को अब 40 ओवरों का कर दिया जाना चाहिए। उनकी राय में वनडे क्रिकेट को बचाने का यह एक तरीका है।
टी20 क्रिकेट के उभरने के बाद ऐसा माना जा रहा था कि टेस्ट क्रिकेट को खतरा बढ़ जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। असली परेशानी तो वनडे क्रिकेट के लिए खड़ी हो गई है। टेस्ट क्रिकेट ने तो अब नई राह पकड़ ली है। चौथी पारी, जो बल्लेबाजी के लिए मुश्किल मानी जाती थी, में ही टीमें कमाल कर रही हैं।
इंग्लैंड के ऑलराउंडर बेन स्टोक्स ने सिर्फ 31 साल की उम्र में वनडे क्रिकेट को अलविदा कह दिया। इसके बाद क्रिकेट की अधिकता पर सवाल और गहराने लगे। यह भी चिंता सामने लगी कि अगर जल्द ही इस फॉर्मेट में जरूरी बदलाव नहीं किए गए तो कई प्रतिभाशाली क्रिकेटर इस फॉर्मेट से दूरी बना लेंगे।
शाहिद अफरीदी ने पहले सुझाव दिया था कि 50 ओवरों के फॉर्मेट को 40 ओवरों का कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि यह फॉर्मेट अब पहले जैसा रोमांचक नहीं रह गया है। शास्त्री ने कहा कि फॉर्मेट को छोटा करना बिलकुल मददगार साबित होगा। उन्होंने याद दिलाया कि 1983 का वर्ल्ड कप 60 ओवरों के फॉर्मेट में खेला गया था। उन्हें लगता है कि अब आगे आकर विचार करना चाहिए कि वनडे फॉर्मेट काफी लंबे समय से 50 ओवरों के फॉर्मेट में ही खेला जा रहा है।
अफरीदी ने समां टीवी से कहा था, ‘वनडे क्रिकेट अब काफी बोरिंग हो गया है। मैं सलाह देना चाहूंगा कि वनडे क्रिकेट को 50 ओवरों से घटाकर 40 ओवरों का कर देना चाहिए ताकि यह मनोरंजक बना रहे।’
शास्त्री ने भारत और वेस्टइंडीज के बीच दूसरे वनडे इंटरनैशनल की कॉमेंट्री के दौरान कहा, ‘खेल का समय कम करने में कोई खराबी नहीं। जब वनडे क्रिकेट शुरू हुआ था तो यह 60 ओवरों का था। जब भारत ने 1983 में विश्व कप जीता था, तो यह 60 ओवरों का हुआ करता था। इसके बाद लोगों ने सोचा कि 60 ओवर थोड़े ज्यादा हो जाते हैं। लोगों को लगा कि 20 से 40 ओवरों के बीच का वक्त थोड़ा बोरिंग हो जाता है, लोग उसे हजम नहीं कर पाते। तो, उसे 60 से घटाकर 50 ओवर किया गया। तो इस फैसले को लिए भी काफी साल गुजर चुके हैं। अब इसे 5- से कम कर 40 क्यों नहीं कर दिया जाता। आपको भविष्य के बारे में सोचना चाहिए और बेहतर होना चाहिए। यह काफी समय से 50 ओवरों का ही है।’