वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 469 रनों का स्कोर खड़ा किया था जिसमें स्टीव स्मिथ और ट्रेविस हेड का अहम योगदान रहा. स्मिथ ने 121 और हेड ने 163 रनों की शतकीय पारी खेली थी. पहली पारी की तरह इन दोनों बल्लेबाजों से टीम को दूसरी पारी में भी बड़े स्कोर की उम्मीदें थी लेकिन इस बार जडेजा ने स्मिथ और हेड के मंसूबों पर पानी फेर दिया.
तीसरे दिन भारतीय टीम को 296 रनों पर ढेर करने के बाद ऑस्ट्रेलिया दूसरा पारी में 173 रनों की बढ़त के साथ मैदान में उतरी. इस बार भारतीय गेंदबाजों ने पहली ही गेंद से कंगारूओं पर दवाब बनाया जिसका फायदा भी उन्हें जल्दी मिल गया. चौथे ओवर में सिराज ने सबसे पहले डेविड वॉर्नर को 1 रन के निजी स्कोर पर चलता किया. फिर 15वें ओवर में उमेश यादव ने उस्मान ख्वाजा का शिकार कर दिया. 24 रन पर सलामी जोड़ी के आउट होने के बाद स्टीव स्मिथ और मार्नश लाबुशेन ने मोर्चा संभाला और तीसरे विकेट के लिए 62 से ज्यादा रनों की साझेदारी कर डाली. इस साझेदारी को आखिरकार रवींद्र जडेजा ने 31वें ओवर में जाकर तोड़ा.
क्रीज पर जमने के बाद स्टीव स्मिथ ने हाथ खोलने की कोशिश की जो बड़ी गलती साबित हुई. जडेजा के ओवर की पहली ही गेंद को स्मिथ आगे बढ़कर मारने गए लेकिन गेंद खड़ी हो गई. हवा में गेंद जाते ही शार्दुल दाईं तरफ दौड़े और बेहतरीन कैच लपक लिया. इस तरह जडेजा ने स्मिथ को बड़ा स्कोर बनाने से रोक दिया.
स्मिथ के आउट होने के बाद ट्रेविस हेड के रुप में बड़ा खतरा क्रीज पर उतरा. इस बार हेड को रोकने के लिए मोहम्मद सिराज को लगाया गया जिन्होंने शार्ट गेंदों से हेड पर हमला बोला लेकिन कई मौके मिलने के बावजूद बल्लेबाज को आउट नहीं कर सके. ऐसे में एक बार फिर कप्तान रोहित ने जडेजा पर भरोसा दिखाया.
जडेजा 37वें ओवर में गेंदबाजी करने आए. ओवर की पहली ही गेंद ट्रेविस हेड का कैच उमेश यादव ने बाउंड्री पर ड्रॉप कर दिया और गेंद सीमा रेखा के पार चली गई. हालांकि जडेजा ने हार नहीं मानी और अपनी तीसरी गेंद पर हेड का कैच लपक लिया. लेंथ गेंद को मारने की गलती हेड को कैच आउट के रुप में भुगतनी पड़ी. इस तरह पहली पारी के शतकवीरों को जडेजा ने अपने दम पर पवेलियन का रास्ता दिखा दिया.