इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए टीम इंडिया में चुने जाने के बाद युवा विकेटकीपर बल्लेबाज रिषभ पंत काफी खुश है। भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलना उनके लिए सपने जैसा है। पंत ने बीसीसीआई टीवी को दिए इंटरव्यू में कहा, “ये खबर सुनना कि मुझे टेस्ट स्क्वाड में जगह मिल गई है, बेहद खास था। मैं हमेशा ये भारतीय टेस्ट स्क्वाड का हिस्सा बनना चाहता था। ये ना केवल मेरे लिए बल्कि मेरे पूरे परिवार और मेरे कोच तारेक सिन्हा के लिए एक शानदार एहसास था। कोच हमेशा से चाहते थे कि मैं भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलूं और जब मुझे टेस्ट टीम से बुलावा आया तो वो बहुत खुश थे।”
पंत टीम इंडिया के सीमित ओवर फॉर्मेट स्क्वाड का हिस्सा रह चुके हैं, ऐसे में वो ड्रेसिंग रूम के माहौल से वाकिफ हैं। इस बारे में बात करते हुए पंत ने कहा, “जब भी मैं भारतीय ड्रेसिंग रूम में आता हूं तो जो चीज हमेशा सबसे अलग नजर आती है वो है सकारात्मकता। हर कोई एक दूसरे की मदद करता है, जो कि भारतीय ड्रेसिंग रूम की सबसे खास बात है।”
महेंद्र सिंह धोनी की सलाह से मदद मिली
भारतीय ड्रेसिंग रूम के सबसे सीनियर और अपने पसंदीदा महेंद्र सिंह धोनी के बारे में बात करते हुए पंत ने कहा, “माही भाई से मैं अपने आईपीएल कॉन्ट्रेक्ट से लेकर विकेटकीपिंग तक हर चीज के बारे में पूछता रहता हूं। वो हर बात पर मुझे सलाह देते हैं। वो मुझसे हमेशा ये कहते हैं कि विकेटकीपिंग में हाथ और सिर सबसे जरूरी है। शरीर का संतुलन बाद में आता है लेकिन सबसे जरूरी चीज सिर और हाथ के बीच का सामंजस्य है। उन्होंने जो भी सलाह दी मैने उस पर काम किया और इससे मुझसे बेहद मदद मिली।”
राहुल द्रविड़ का अनुभव काम आया
केवल धोनी जैसे सफल कप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाज ही नहीं पंत को राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गज बल्लेबाज के साथ समय बिताने का मौका भी मिला है। कोच द्रविड़ के मार्गदर्शन में अंडर-19 और इंडिया ए टीम में खेलते हुए पंत ने लंबे फॉर्मेट में बल्लेबाजी के गुर सीखे। इस बारे में पंत ने कहा, “जो चीज वो मुझे हमेशा कहते हैं, वो ये है कि हर चीज के लिए धैर्य रखना जरूरी है, चाहे मैदान के अंदर हो या बाहर। साथ ही लाल गेंद के क्रिकेट के लिए मुझे किस तरह अपने खेल पर काम करने की जरूरत है क्योंकि मैं सकारात्मक बल्लेबाज हूं लेकिन वक्त आने पर कैसे स्थिति के हिसाब से बल्लेबाजी करनी है। खेल की गति देखना और उसके हिसाब से अपने खेल को बदलना। ये सब बातें मैने उनसे सीखी हैं।”
लाल और सफेद गेंद के क्रिकेट का अंतर
पंत का नाम 18 सदस्यीय टेस्ट स्क्वाड में जरूर है लेकिन प्लेइंग इलेवन में जगह बनाना उनका लक्ष्य रहेगा। हाल ही में इंडिया ए के लिए खेलते हुए पंत ने इंग्लैंड में चार दिवसीय क्रिकेट खेला है, ऐसे में उनके पास वहां की पिचों का अनुभव है। लाल और सफेद गेंद के अंतर के बारे में बात करते हुए पंत ने कहा, “मुझे लगता है कि इनमें ज्यादा फर्क नहीं है लेकिन शॉट सेलेक्शन से फर्क पड़ता है। लाल गेंद के क्रिकेट में आप फील्ड प्लेसमेंट को देखकर अपना समय ले सकते हैं क्योंकि आपके पास खेलने के लिए पांच दिन होते हैं। जबकि सीमित ओवर के क्रिकेट में आपके पास सीमित गेंदे होती हैं और आपको रन बनाने होते हैं।”
पंत ने आगे कहा, “मैने अभी तक लाल गेंद से साथ अपनी तैयारी का आनंद लिया है। यहां इंग्लैंड में ड्यूक गेंद काफी ज्यादा स्विंग होती है और शुरुआक में जब मैं यहां इंडिया ए के लिए खेल रहा था तो मुझे समझ आया कि स्विंग यहां के हालात में खेल का अहम हिस्सा है।”