साई सुदर्शन ने जब सोमवार को इंडियन प्रीमियर लीग 2023 के फाइनल में शुरुआत की तो कॉमेंट्री कर रहे रवि शास्त्री और हर्षा भोगले ने लगातार उनकी धीमी बैटिंग पर सवाल उठाए. सोमवार को नरेंद्र मोदी स्टेडियम पर चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टॉस जीतकर गुजरात टाइटंस को पहले बल्लेबाजी करने का न्योता दिया. शुभमन गिल आउट हो चुके थे और ऐसे में चेन्नई के पास मौका था कि वह गुजरात पर शिकंजा कसे. और उसने सुदर्शन पर ऐसा करना भी शुरू कर दिया था. लेकिन एक बार आंख जमने के बाद साईं सुदर्शन ने वह खेल दिखाया कि मैदान पर मौजूद हर शख्स ने खड़े होकर तालियां बजाईं.
विरासत में मिला खेल:
सुदर्शन आखिरी ओवर में 47 गेंद पर 96 रन बनाकर आउट हुए. इसमें आठ चौके और छह छक्के शामिल थे. वह शतक से चूक गए लेकिन गुजरात को आईपीएल फाइनल के सबसे बड़े स्कोर 214 तक पहुंचाकर लौटे. बाएं हाथ के इस बल्लेबाज को खेल विरासत में मिला है. पिता आर. भारद्वाज ऐथलीट थे और मां उषा भारद्वाज वॉलीबॉल प्लेयर थीं.
सस्ते में मिल गया गुजरात को हीरा:
चेन्नई के रहने वाले सुदर्शन ने सोमवार को दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम पर चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ ही धमाकेदार, शानदार और लाजवाब पारी खेली. 21 साल के इस खिलाड़ी ने आईपीएल में आने से पहले ही चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया था. वह सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी चैंपियन हैं और तमिलनाडु प्रीमियर लीग का खिताब जीता है. इसी साल फरवरी में अपने पहले तमिलनाडु़ प्रीमियर लीग के ऑक्शन में उन्हें 21.60 लाख रुपये मिले. अब यह बात आपको थोड़ी अजीब लग सकती है उन्हें आईपीएल में गुजरात टाइटंस की ओर से सिर्फ 20 लाख रुपये मिलते हैं.
धीमी शुरुआत और फिर धूम-धड़ाका:
मैच की बात करें तो सुदर्शन ने पहली 10 गेंद पर 8 रन बनाए थे. गुजरात के लिए रफ्तार बढ़ाना बहुत जरूरी था. और सुदर्शन ने बेहतरीन तरीके से इस काम को अंजाम दिया. उन्होंने आखिरी 27 गेंदों पर 73 रन बनाए. उन्होंने आखिरी ओवरों में महीश पथिराना और तुषार देशपांडे की गेंदों पर लगातार कमाल के शॉट खेले. वह आईपीएल फाइनल में नर्वस 90s में आउट होने वाले तीसरे बल्लेबाज रहे. इससे पहले मुरली विजय ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ 95, मनीष पांडे ने पंजाब किंग्स के खिलाफ 94 रन बनाए थे.
कैसा रहा पूरा सीजन:
इस पूरे सीजन में साई सुदर्शन ने 8 मैचों में 51.71 के औसत और 141.40 के स्ट्राइक रेट से 362 रन बनाए. इसमें दो हाफ सेंचुरी शामिल हैं. उन्होंने सीजन में 33 चौके और 12 छक्के लगाए.
नहीं चला धोनी का तुरुप का पत्ता:
मतीशा पथिराना धोनी के तुरुप के पत्ते थे लेकिन इस फाइनल मुकाबले में सुदर्शन के पास उनके हर दांव का जवाब था. पथिराना की 14 गेंदों पर उन्होंने 34 रन बनाए. सुदर्शन ने उनकी गेंदों पर चार चौके और दो छक्के लगाए. पथिराना ने पूरे आईपीएल में किसी टीम के खिलाफ भी इतने रन नहीं दिए थे.