बेंगलुरु: कुमार कार्तिकेय की गेंद पर सरफराज ने कदमों का इस्तेमाल किया और लॉन्ग ऑन बाउंड्री पर चौका जड़ा। यह सामान्य बाउंड्री नहीं थी और न ही यह सेंचुरी। इस चौके के साथ सरफराज ने अपना शतक पूरा किया। इस सीजन में चौथा। गुरुवार को बेंगलुर के चिन्नस्वामी स्टेडियम में उन्होंने मैच के दूसरे दिन अपना शतक पूरा किया। उन्हें सेंचुरी लगाने की आदत सी हो चुकी है। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने मुंबई को न सिर्फ मुश्किल से निकाला बल्कि उसे एक मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया है।
दूसरे दिन लंच तक मुंबई का स्कोर है 8 विकेट पर 351 रन और सरफराज खान 119 रन पर बल्लेबाजी कर रहे हैं।
यह पारी कुछ अलग रही। सरफराज के चिर-परिचित अंदाज से जुदा। यहां उन्होंने बहुत तेज बल्लेबाजी नहीं की।
सरफराज का अंदाज आक्रामक नहीं था। लेकिन गेंदबाज उन पर हावी हो रहे हों, ऐसा भी नहीं दिखा। उन्होंने 190 गेंद पर शतक पूरा किया। आम तौर वह तेज खेलते हैं। पर यहां उन्होंने हालात को बेहतर समझा। सेंचुरी पूरी होने तक उन्होंने हवाई शॉट लगाने से जरा परहेज किया और सेंचुरी पूरी होने के बाद ही अपना पहला छक्का लगाया।
शतक बनाने के बाद सरफराज ने मूसावाले के स्टाइल में सेलिब्रेट किया। जांघ पर ताली मारकर हाथ ऊपर उठाकर सेलिब्रेट करने के इस स्टाइल को पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसावाले से जोड़ा जाता है। मूसावाले ही हाल ही में गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। मैदान पर दर्शक सीटियां बजा रहे हैं और सरफराज के चेहरे के तेवर बता रहे थे उनका जोश।
सरफराज लगातार दो सीजन से कमाल का खेल दिखा रहे हैं। दूसरे सीजन उन्होंने 900 से ज्यादा रन बनाए। रणजी ट्रॉफी के 87 साल के इतिहास में सरफराज खान दो सीजन में 900 से ज्यादा रन बनाने वाले सिर्फ तीसरे खिलाड़ी हैं। इससे पहले यह कमाल सिर्फ दिल्ली के अजय शर्मा और मुंबई के वसीम जाफर ही ऐसा कर पाए हैं।