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शोएब अख्तर को क्यों पसंद था बल्लेबाजों को बाउंसर मारना, खुद किया खुलासा

पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ से बातचीत में शोएब अख्तर ने इस राज से पर्दा उठाया है कि क्यों उन्हें बाउंसर फेंकना इतना पसंद था।

Shoaib Akhtar/Twitter

क्रिकेट जगत में दुनिया के सबसे तेज गेंदबाजों में पहले नंबर शोएब अख्तर का नाम आता है जिन्हें रफ्तार के लिए जाना जाता था। शोएब अख्तर जब तक क्रिकेट में एक्टिव रहे तब तक उन्होंने अपनी रफ्तार और खतरनाक बाउंसर गेंदों से विपक्षी टीम के बल्लेबाजों को परेशान किया। अख्तर के नाम आज भी इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे तेज गेंद फेंकने का रिकॉर्ड है जो उन्होंने 2003 वर्ल्ड कप में 161.3 kmph की गेंद डालते हुए बनाया था।

शोएब अख्तर को बाउंसर्स फेंकना पसंद था और अब उन्होंने अपनी इस पंसदीदा गेंद के पीछे की वजह का खुलासा किया है। पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ से बातचीत में शोएब अख्तर ने इस राज से पर्दा उठाया है कि क्यों उन्हें बाउंसर फेंकना पसंद था।

अख्तर ने कहा, “मैं बाउंसर इसलिए फेंकता था क्योंकि मुझे बल्लेबाजों को बंदरों की तरह कूदते हुए देखना अच्छा लगता था। झूठ नहीं बोल रहा, मैं बल्लेबाजों को सिर पर मारना चाहता था क्योंकि मेरे पास स्पीड थी। तेज गेंदबाज होने का यही फायदा है। पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा कि उन्हें बल्लेबाजों के अंदर दहशत पैदा करने के लिए बाउंसर का इस्तेमाल किया। अख्तर ने कहा, “मैं आगे गेंद फेंकना पंसद नहीं करता था क्योंकि मुझे गेंद शरीर पर हिट करना पसंद था ताकि शरीर पर सूजन दिखाई दे। जब बल्लेबाज आईने में अपना चेहरा देखेंगे तो बल्लेबाज उन्हें याद करेगा।”

इस मजेदार बातचीत के दौरान मोहम्मद कैफ ने शोएब अख्तर के लंबे बॉलिंग रनअप के बारे में एक मजेदार किस्से का भी खुलासा किया। कैफ ने बताया कि जब साल 1999 में कोच्चि में एक अभ्यास मैच में कैफ पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज अख्तर का सामना रहे थे तो बॉलिंग रनअप देखकर चौंक गए। कैफ ने कहा, “मैं सोच रहा था कि इतना लंबा रनअप है तो जब तक मैं चाय पीकर आता हूं, तब तक अख्तर बॉलिंग क्रीज पर पहुंच जाएगा।”

रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर शोएब अख्तर ने पाकिस्तान के लिए 46 टेस्ट में 178 विकेट अपने नाम किए। वहीं, 163 वनडे मैचों में 247 और 15 T20I 19 विकेट चटकाए। उन्होंने अपना आखिरी मैच 8 मार्च 2011 न्यूज़ीलैण्ड के खिलाफ खेला था।

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