14 साल पुराने दोस्त और कोच ने खोला सूर्यकुमार यादव की कामयाबी का राज
Suryakumar Yadav ने सफेद गेंद जो धमाका किया है उसे दुनिया देख रही है. विपक्षी टीमें अब दाएं हाथ के इस बल्लेबाज को देखकर अपनी रणनीति बनाती हैं. गेंदबाज उनके लिए प्लान बनाते हैं. उन्हें इस समय भारतीय बल्लेबाजी क्रम में सबसे खतरनाक बल्लेबाज माना जा रहा है. लेकिन आखिर यहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने कैसा सफर तय किया यह बड़ा सवाल है. और इस सवाल का जवाब उनके पुराने दोस्त और कोच ने दिया है.
नई दिल्ली: सूर्यकुमार यादव को टेस्ट क्रिकेट में जगह मिलने की बात कही जा रही है. सीमित ओवरों के फॉर्मेट में अपनी छाप छोड़ चुके यादव के लिए टेस्ट अब अगला पड़ाव हो सकता है. लेकिन जिस अंदाज में वह खेलते हैं क्या वह क्रिकेट के शुद्धतम रूप कहे जाने वाले फॉर्मेट में फिट होता है. इस पर सबकी अलग राय हो सकती है. उनके कोच रहे विनायक माने का कहना है कि आप भविष्यवाणी नहीं कर सकते कि सूर्यकुमार यादव टेस्ट क्रिकेट में सफल होगा या नहीं लेकिन उन्होंने कहा कि अगर मौका मिला जो यह बल्लेबाज पूरा प्रयास करेगा.
सूर्यकुमार ने भारतीय क्रिकेट में कम समय में काफी सफलता हासिल की है. उनके कुछ शॉट ऐसे होते हैं जिनकी कल्पना भी नहीं की जा सकती.
इसे भी पढ़ें- शास्त्री ने शुभमन गिल को करार दिया लंबी रेस का घोड़ा, बोले- उसमें कुछ खास है
सूर्यकुमार 32 साल की उम्र में दुनिया के नंबर एक टी20 अंतरराष्ट्रीय बल्लेबाज बने हैं और यह सफर उन्होंने काफी तेजी से तय किया.
सूर्यकुमार के परिवार के अलावा जिन दो लोगों ने उनमें आए बदलाव को करीब से देखा है वह मुंबई के पूर्व सलामी बल्लेबाज माने और राज्य की टीम में लंबे समय से उनके साथी तथा बचपन के मित्र सूफियान शेख हैं.
माने ने सूर्यकुमार को सबसे पहले 18 बरस की उम्र में देखा जब उन्हें मुंबई का प्रतिभावान अंडर-19 क्रिकेटर होने के लिए भारत पेट्रोलियम से 2009 में छात्रवृत्ति मिली.
इसे भी पढ़ें- जो विराट-रोहित नहीं कर सके वो शुभमन गिल ने 14 पारियों में कर दिखाया
माने ने हालांकि सूर्यकुमार को उस समय करीब से पहचाना जब यह क्रिकेटर पारसी जिमखाना से जुड़ा जहां के प्रमुख खोदादाद एस याजदेगाडी ने भी उनकी काफी मदद की.
प्रथम श्रेणी के 54 मैच खेलने वाले माने ने कहा, ‘सूर्या जब पारसी जिमखाना आया तो मैं थोड़ा बहुत क्रिकेट खेल रहा था और कोचिंग देना शुरू ही किया था. मुंबई क्रिकेट में उसके लिए असहज समय रहा था और वह अपनी छाप छोड़ने की कोशिश कर रहा था. उसके पास शॉट में विविधता हमेशा से थी और उसे जिसने भी देखा उसे पता था कि वह भारत के लिए खेलेगा.’
तो सूर्यकुमार ने ऑस्ट्रेलिया के हालात के लिए कैसे तैयारी की?
माने ने कहा, ‘श्रेय खोदादाद को जाना चाहिए जिन्हें सूर्या काफी पसंद है. पारसी जिमखाना मैदान में हमने विशेष रूप से उसके लिए काफी घास वाला कड़ा विकेट तैयार किया था.’
उन्होंने कहा, ‘मेरे शिष्यों में से एक, जो मुंबई अंडर-23 खिलाड़ी है, ओम केशकमत ने बाएं हाथ से रोबो-आर्म के साथ थ्रो-डाउन देने का काम किया. मेरे पास भी हर तरह के गेंदबाज थे जो उसे अच्छा अभ्यास दे रहे थे.’
इसे भी पढ़ें- दूसरे वनडे में संजू सैमसन को क्यों नहीं मिला मौका? धवन ने बताई वजह
सूर्यकुमार 20 मिनट बल्लेबाजी करने के बाद निर्धारित लक्ष्य के साथ ट्रेनिंग करते हैं.
माने ने कहा, ‘जहां लक्ष्य दो ओवर में 28 रन जैसा होगा वहां लक्ष्य का पीछा करना अलग होगा और अगर पहले बल्लेबाजी करते हैं तो पावरप्ले के चार से छह ओवर में 30 रन बनाने हो कहते हैं. वह अकसर कहता था कि मेरे लिए क्षेत्ररक्षण सजाओ और मुझे लक्ष्य दो, अगर मैं आउट हो गया तो आउट होकर चला जाऊंगा, वह हमेशा मैच के नजरिए से खेलता था.’
क्रिकेट प्रेमी उनके विकेट के पीछे स्ट्रोक और डीप फाइन लेग पर पिक-अप शॉट्स से मोहित हैं लेकिन माने ने उन्हें हमेशा इन शॉट्स को खेलते हुए देखा है.
मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी और 2010 में न्यूजीलैंड में अंडर-19 विश्व कप खेलने वाले शेख ने भी एक तकनीकी पहलू पर प्रकाश डाला.
शेख ने कहा, ‘लोग गेंद का शरीर से दूर होना पसंद करते हैं ताकि वे अपने हाथ खोल सकें. सूर्या इसके विपरीत है. वह कम से कम जगह मिलने पर भी शॉट खेलता है. वह स्टंप के पीछे अविश्वसनीय शॉट खेलता है और वह दृढ़ संकल्प होता है कि गेंदबाजों को अपने शरीर पर गेंदबाजी के लिए मजबूर करे.’
उन्होंने कहा, ‘सबसे खराब स्थिति में यह होगा कि गेंद उसे लगेगी और वह चोट उसे याद दिलाएगी कि उसे और तेज होने की जरूरत है.’
सूर्यकुमार का दिमाग कैसे काम करता है इसे लेकर उन्होंने एक और बात बताई.
शेख ने कहा, ‘जाहिर है बहुत उछाल वाली ठोस पिचों पर वह जांघ में पैड पहनता था लेकिन अहमदाबाद में इंग्लैंड के खिलाफ अपने टी20 अंतरराष्ट्रीय पदार्पण पर उसने जांघ में पैड नहीं पहना था. भारतीय पिचों पर वह वजन कम करने के लिए कई बार ऐसा करता है और जिससे उसे दो और तीन रन तेजी से भागने में मदद मिलती है.'
Also Read
- ऋषभ पंत के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए भारतीय क्रिकेटरों ने उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना की
- ऋषभ पंत के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए भारतीय क्रिकेटरों ने उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना की
- ईशान और सूर्यकुमार को क्यों नहीं मिली टीम में जगह, कोच राठौड़ ने खत्म की बहस
- IND vs SL: क्या ईशान-सूर्या को मिलेगा तीसरे ODI में मौका, बैटिंग कोच ने दिया हैरान करने वाला जवाब
- तीसरे वनडे से पहले भारतीय खिलाड़ी पहुंचे पद्मनाभस्वामी मंदिर, फोटो वायरल
COMMENTS