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नाखुश राज्य इकाइयों की 22 जून को एसजीएम बुलाने की मांग मान सकता है बीसीसीआई

वरिष्ठ अधिकारी इस बात से भी नाखुश हैं कि कैसे एनसीए से जुड़ा भारी वेतन पाने वाला एक कार्यकारी अधिकारी कथित तौर पर अकेले सब कुछ संचालित कर रहा है।

BCCI LOGO © Getty Images

प्रशासकों की समिति से नाराज (सीओए) बीसीसीआई की लगभग 13 राज्य इकाइयों ने 22 जून को विशेष आम बैठक (एसजीएम) बुलाने की मांग की है जिससे कि खिलाड़ियों के अनुबंध, आईसीसी के साथ लंबे समय से चले आ रहे राजस्व विवाद और बोर्ड की व्यावसायिक परिजनाओं पर चर्चा की जा सके।

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अगर एसजीएम होती है तो यह पांच जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली अगली सुनवाई से पहले होगी। पता चला है कि लगभग 13 पूर्ण सदस्य इकाइयों (न्यूनतम 10 पूर्ण सदस्यों की जरूरत) ने 10 सूत्रीय एजेंडा सूचीबद्ध किया है जिसके बाद कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना को कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी को एसजीएम बुलाने का निर्देश देने को बाध्य होना पड़ा।

पूर्व क्षेत्र की राज्य इकाई के नाराज अधिकारी ने कहा,‘ आपको सदस्यों को तीन हफ्ते का नोटिस देना होता है और अगर 10 या इससे अधिक इकाइयां एसजीएम की मांग करती हैं तो सचिव को इसके लिए नोटिस जारी करना होता है। हमारे कुछ समान मुद्दे हैं जिन पर चर्चा करने की जरूरत है। सीओए ने किसी भी नीतिगत फैसले के संबंध में हमें भरोसे में नहीं लिया है।’

जहां कुछ अहम मुद्दे पहले वाले ही हैं वहीं बीसीसीआई का एक वर्ग पिछले कुछ समय में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) को लेकर किए गए कुछ फैसलों और आम सभा के सलाह मशविरे के बगैर क्रिकेट संचालन विभाग ने जिस तरह ‘एकतरफा फैसले’किए उससे नाराज है।

वरिष्ठ अधिकारी इस बात से भी नाखुश हैं कि कैसे एनसीए से जुड़ा भारी वेतन पाने वाला एक कार्यकारी अधिकारी कथित तौर पर अकेले सब कुछ संचालित कर रहा है।
जिस अधिकारी पर सवाल उठाया जा रहा है उसे दिल्ली में बेहद तेज गर्मी के बीच अंडर-19 महिला जेडसीए शिवर का आयोजन करने के फैसले के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।

बीसीसीआई के पुराने अधिकारी उस एजेंसी से भी नाखुश हैं जो मोटा वेतन पाने वाले कार्यकारी अधिकारियों की खोज में बीसीसीआई की मदद कर रही है। हाल में सीओए ने मार्केटिंग महाप्रबंधक की नियुक्ति को स्वीकृति दे दी थी लेकिन यह उम्मीदवार संभवत: उस समय पीछे हट गया जब कई सीनियर अधिकारियों ने खेल संगठन को चलाने की उसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए।

कानूनी मामलों पर भी चर्चा करना चाहते हैं सदस्‍य

सदस्य साथ ही कानूनी मामलों पर भी चर्चा करना चाहते हैं और इस मामले पर भी कि बीसीसीआई का कानूनी प्रतिनिधित्व कौन करेगा। इसके अलावा बीसीसीआई के कुछ नीतिगत फैसलों पर भी चर्चा की मांग की गई है। इसके अलावा राज्य संघों की ओर से टी-20 टूर्नामेंट की मेजबानी और आयोजन के फैसले पर भी चर्चा होनी है। कर्नाटक और तमिलनाडु पहले ही राज्य स्तर के फ्रेंचाइजी आधारित टी 20 टूर्नामेंट का आयोजन कर रहे हैं और पता चला है कि कई अन्य राज्य इकाइयां भी अपने खुद के टूर्नामेंट का आयोजन करना चाहती हैं।

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