भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 10 साल पूरे कर लिए हैं। इस दौरान उन्होंने अपने करियर में कई ऊंचाइयों को छूआ। उन्हें फील्ड पर बेहद अग्रेसिव कप्तान के रूप में भी जाना जाता है। हाल ही में उन्होंने विजडन से बातचीत के दौरान अपने करियर से जुड़े कई पहलुओं को साझा किया।
साल 2011-12 में भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान बाउंड़ी लाइन पर खड़े विराट कोहली दर्शकों को मिडल फिंगर दिखाते हुए कैमरे में कैद हुए। ये उनके टेस्ट करियर का महज छठा ही मैच था। इस घटना के बारे में बताते हुए कोहली ने कहा, “मैच रेफरी रंजन मदुगले ने मुझे तलब किया। माफी मांगते हुए मुझे उनसे कहना पड़ा था कि प्लीज मुझे बैन मत कीजिए।”
विराट कोहली ने बताया, “मैच रेफरी ने मुझे अपने कमरे में बुलाया और पूछा कल मैच के दौरान क्या हुआ था। मैने उन्हें कहा कुछ भी नहीं। कुछ लोग मुझपर न्यूजपेपर फेंक रहे थे।” अखबारों के फंट पेज पर मेरी उंगली दिखाने वाले तस्वीर छपी थी। मैच रेफरी बेहद अच्छे इंसान हैं। उन्होंने मुझे मौका दिया। उन्हें समझा के में उस वक्त काफी युवा था और नए लड़कों से इस तरह की गलतियां हो जाती हैं।
अपने करियर के शुरुआती दौर में विराट कोहली को अक्सर अन्य टीम के खिलाड़ियों से सेंड ऑफ करते देखा गया। इसपर विराट ने कहा, “मुझे जब भी अपने पुराने दिनों की ये चीजें दिखती हैं तो हंसी आ जाती है, लेकिन मुझे इस बात पर गर्व है कि मैने अपने काम करने का तरीका नहीं बदला है क्योंकि जो मैं हूं वो मैं हूं। मैं जैसा भी हूं मैं उससे खुश हूं।”
विराट कोहली ने कहा, “बतौर कप्तान में युवा खिलाड़ियों को वो गलती करने से रोकता हूं जो मैंने अपने करियर की शुरुआती समय में की थी। अगर कोई वहीं गलती कर रहा है जो मेरे समय में मैने की थी, मैं उसे नहीं समझाता तो बतौर कप्तान मेरे विफल होने के समान है। मैं उनके लिए घुटन भरा माहौल नहीं बनाना चाहता, लेकिन केवल गलती करने पर मैं उन्हें जरूर रोकता हूं।”