लंदन: ओवल मैदान (The Oval) पर खेले जा रहे है टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल (WTC Final) 2023 में भारतीय टीम मुश्किल में है. ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी का न्यौता मिलने के बाद पहली पारी में 469 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया. इसके जवाब में गुरुवार को मैच के दूसरे दिन भारतीय टीम पांच विकेट पर 151 रन बनाकर संकट में है. ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजी के सामने भारतीय बल्लेबाजी बुरी तरह लड़खड़ा गई. चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) और शुभमन गिल (Shubman Gill) जहां लाइन को सही तरीके से पढ़ नहीं पाए वहीं रोहित शर्मा (Rohit Sharma) को एलबीडब्ल्यू होना पड़ा. इस बीच विराट कोहली मिशेल स्टार्क की एक बेहतरीन गेंद का शिकार बने. पूर्व भारतीय कप्तान और महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने कोहली के आउट होने पर अपनी राय रखी है.
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा है कि अगर विराट कोहली मिशेल स्टार्क की गेंद को बैकफुट पर खेल रहे होते तो वह उसका बेहतर तरीके से सामना कर सकते थे.
गावस्कर ने कहा है कि अगर विराट बैकफुट पर खेलने की प्रतिबद्धता दिखाते तो वह वह स्टार्क की उस गेंद का सामना कर पाते.
कुछ लोगों ने मिशेल स्टार्क की उस गेंद को अनप्लेबल बताया. यानी ऐसी गेंद जिसे खेला ही नहीं जा सकता था. वहीं मैच में शतक लगाने वाले स्टीव स्मिथ ने इसे एक मुश्किल गेंद बताया. कोहली इस मुकाबले में सिर्फ 14 रन बना पाए.
विराट कोहली ने शुरुआत अच्छी की थी. गेंद उनके बल्ले पर सही तरीके से आ रही थी. वह बाहर जाती गेंदों को छोड़ रहे थे. ऐसा लग रहा था कि वह खुद को बड़ी पारी के लिए तैयार रहे हैं. हालांकि भारतीय पारी के 19वें ओवर में कोहली को स्टार्क की उस गेंद ने चकमा दे दिया.
स्टार्क ओवर द विकेट आए और शार्टर लेंथ से एक ऑफ कटर फेंकी. कोहली अचानक उठी इस गेंद पर हैरान रह गए. गेंद उनके दस्तानों से लगकर स्लिप में गई. यहां दूसरी स्लिप में खड़े स्टीव स्मिथ ने हवा में छलांग लगाते हुए एक बढ़िया कैच लपका. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने कहा कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल से पहले स्टार्क इस खास गेंद पर काम कर रहे थे.
गावस्कर ने कहा कि कोहली नैचरल तौर पर फ्रंट फुट पर आ गए थे. इसके बाद इस उछलती गेंद से बल्ला या दस्ताने हटाने का समय ही उन्हें नहीं मिला.
स्टार स्पोर्ट्स के साथ बातचीत में गावस्कर से जब पूछा गया कि कोई बल्लेबाज स्टार्क की उस तरह की गेंद का सामना कैसे करता तो उन्होंने कहा, ‘बैकफुट पर’.

‘आपको दोबारा देखना होगा. आज के दौर में एक ओवर में सिर्फ दो बाउंसर फेकने की इजाजत है और इस वजह से बल्लेबाज फ्रंटफुट पर रहते हैं. इसका अर्थ है कि उनके पास बैकफुट पर जाकर खुद को अतिरिक्त जगह देने का समय नहीं होता जो शायद कलाई गिराकर गेंद को जाने का रास्ता देने के लिए जरूरी होता है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘हां, यह एक मुश्किल गेंद थी लेकिन क्योंकि वह फ्रंटफुट पर खुद को प्रतिबद्ध कर चुके थे और इस वजह से वह आखिरी वक्त पर अपना बल्ला नहीं हटा पाए. अगर वह बैकफुट पर होते तो शायद ऐसा कर लेते. ऐसा लगता है कि इस गेंद को खेला ही नहीं जा सकता था लेकिन अगर वह बैकफुट पर होते तो वह गेंद के रास्ते से हट सकते थे.’