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मेरी तरह कोई नहीं खेलता- पंत और अपनी तुलना पर वीरेंद्र सहवाग की दो टूक, बोले- मैं 250-300 बनाता था

ऋषभ पंत की तुलना अकसर वीरेंद्र सहवाग के साथ की जाती है. पर वीरेंद्र सहवाग का इस बारे में क्या कहना है यह जानना भी जरूरी है. सहवाग ने इस तुलना पर सीधा और खरा जवाब दिया है.

मेरी तरह कोई नहीं खेलता- पंत और अपनी तुलना पर वीरेंद्र सहवाग की दो टूक, बोले- मैं 250-300 बनाता था
Updated: March 21, 2023 6:25 AM IST | Edited By: Bharat Malhotra

ऋषभ पंत के खेल की तुलना कई बार वीरेंद्र सहवाग के साथ की जाती है. हालांकि सहवाग एक सलामी बल्लेबाज थे और पंत मिडल ऑर्डर में खेलते हैं लेकिन गेंदबाज पर हावी होकर खेलने के अंदाज दोनों का एक जैसा है. इतना ही नहीं आक्रामक अंदाज होने के साथ-साथ दोनों टेस्ट क्रिकेट में अधिक सफल नजर आते हैं. पंत दुर्घटना में चोट के चलते क्रिकेट से दूर हैं. भारत ने हाल ही में संपन्न हुई बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज में उन्हें काफी मिस किया. अब पंत वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में भी नहीं खेल पाएंगे. और इस साल होने वाले आईपीएल से भी दिल्ली कैपिटल्स का यह कप्तान बाहर हो चुका है.

पंत के खेल की तुलना भले ही सहवाग के साथ की जाती हो पर पूर्व भारतीय ओपनर का कहना इस पर कुछ अलग है. सहवाग जिन्होंने आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी कर टेस्ट क्रिकेट को हमेशा के लिए बदल दिया. वह टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक लगाने वाले भारत के पहले बल्लेबाज थे. उन्होंने एक नहीं बल्कि दो-दो टेस्ट ट्रिपल सेंचुरी लगाईं. इसके एक अलावा वह एक बार तिहरा शतक चूक गए थे जब वह 293 पर आउट हो गए थे. और सहवाग का कहना है कि यही पंत और उनमें सबसे बड़ा फर्क है. नजफगढ़ के नवाब का कहना है कि वह 250-300 रन बनाते थे.

उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि कोई भी भारतीय खिलाड़ी मेरी तरह है. या जो मेरी तरह बल्लेबाजी करते हैं. जो दो खिलाड़ी मेरे दिमाग में आते हैं जो मेरे खेलने के करीब आते हैं वे हैं पृथ्वी साव और ऋषभ पंत. मुझे लगता है कि मैं टेस्ट क्रिकेट में जिस तरह की बल्लेबाजी करता था ऋषभ पंत उसके करीब आता है लेकिन वह 90-100 से संतुष्ट हो जाता है लेकिन मैं 200, 250 और 300 रन बनाता था, वह भी लगातार. अगर वह अपने खेल को उस स्तर पर ले जाता है तो मुझे लगता है कि वह फैंस का ज्यादा मनोरंजन कर पाएगा.'

सहवाग ने अपने आक्रामक अंदाज के बारे में बात करते हुए कहा कि यह माइंडसेट टेनिस बॉल क्रिकेट खेलकर आया है. और इसके बाद उन्होंने इसी तरीके को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी आजमाया.

उन्होंने न्यूज 18 के साथ बातचीत में कहा, 'मैं टेनिस बॉल क्रिकेट खेला करता था जहां मेरे दिमाम में यही चलता था कि बाउंड्री लगाकर ज्यादा से ज्यादा रन बनाने हैं. मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी इसी प्रारूप के साथ खेला. मैं यही सोचता रहता था कि सेंचुरी बनाने के लिए मुझे कितनी बाउंड्री लगाने की जरूरत है. अगर मैं 90 पर बल्लेबाजी कर रहा हूं और 100 तक पहुंचन के लिए अगर मैं 10 गेंद लेता हूं तो विपक्षी टीम के पास मुझे आउट करने के लिए 10 गेंद हैं. इसी वजह से मैं बाउंड्री लगाने का प्रयास करता था और सामने वाली टीम को दो गेंद ही देता था कि वह मुझे 100 तक पहुंचने से रोक ले. 100 से 200 पहुंचने तक का रिस्क प्रतिशत घट जाता था.'

पंत की पात करें तो बीते साल दिसंबर में उनकी कार का ऐक्सिडेंट हो गया था. पंत अभी स्वास्थ्य लाभ हासिल कर रहे हैं. उन्होंने हाल ही में एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें वह हाथ में बैसाखियां लेकर स्विमिंग पूल में चल रहे हैं.

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