पूर्व भारतीय स्टार वीवीएस लक्ष्मण ने बीसीसीआई के लोकपाल को सूचित किया है कि उन्हें सनराइजर्स हैदराबाद के मेंटर और बोर्ड की क्रिकेट सलाहकार समिति का सदस्य होने की दोहरी भूमिका के कारण हितों के टकरावों के कथित आरोपों के संबंध में आगे सुनवाई की जरूरत नहीं है। न्यायमूर्ति जैन ने अब अपना फैसला सुरक्षित रखा है। बीसीसीआई और शिकायतकर्ता संजीव गुप्ता ने भी कहा है कि आगे सुनवाई की जरूरत नहीं है।
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लक्ष्मण और तेंदुलकर ने जैन के सामने लंबी गवाही दी और सुनवाई की अगली तिथि 20 जून तय की गयी थी जब वकील उनकी तरफ से उपस्थित होते। पता चला है कि लक्ष्मण ने स्पष्ट किया है कि उन्हें अपने बयान में और कुछ नहीं जोड़ना है। इसमें लिखित बयान भी शामिल है। लक्ष्मण ने अपने हलफनामे में साफ किया था कि हितों का टकराव नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर आरोप साबित हो जाते हैं तो सीएसी सदस्य पद से हट जाएंगे।
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बीसीसीआई वेबसाइट में मौजूद नैतिकता अधिकारी के बयान में कहा गया, ‘‘वीवीएस लक्ष्मण ने अपना लिखित बयान सौंप दिया है और मामले का फैसला रिकॉर्ड में मौजूद सामग्री और आज दायर किये गये लिखित बयान के आधार पर किया जा सकता है। उन्होंने कहा है कि उन्हें इस मामले में आगे सुनवाई की जरूरत नहीं है।’’