किस्मत आपके साथ हो तो ऐसा ही होता है। गुरुवार को एक बार फिर किस्मत का यही खेल देखने को मिला। गुजरात टाइटंस के खिलाफ रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को हर हाल में जीत चाहिए थी। प्लेऑफ की दौड़ में बने रहने के लिए उसके लिए इस मैच को जीतना बहुत जरूरी था। और ऐसा हुआ भी। बैंगलोर की जीत में पूर्व कप्तान विराट कोहली की अहम भूमिका रही। कोहली ने 73 रन की पारी खेली। लेकिन इसके साथ ही ग्लेन मैक्सवेल वह खिलाड़ी रहे जिन्होंने पारी को जरूरी रफ्तार दी। और मैक्सवेल को मिला किस्मत का साथ। और वह भी पहली ही गेंद पर।
यह 15वें ओवर की तीसरी गेंद थी। जब फाफ डु प्लेसिस 44 रन बनाकर आउट हुए। उनके और कोहली के बीच पहले विकेट के लिए शतकीय साझेदारी हुई थी। 115 रन की। अब बैंगलोर को 34 गेंद पर 54 रन चाहिए थे। जीत के लिए पारी को स्पीड देने की जरूरत थी और इसलिए बल्लेबाजी करने के लिए ग्लेन मैक्सवेल को भेजा गया। मैक्सवेल ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करने के लिए जाते हैं। और यह प्लेटफॉर्म उनके लिए बिलकुल सही था।
राशिद खान गेंदबाजी कर रहे थे। उन्होंने मैक्सवेल को पहली ही गेंद गुगली डाली। मैक्सवेल ने कदम आगे बढ़ाकर गेंद को ऑन साइड पर खेलने के लिए बल्ला घुमाया। गेंद उनके बल्ले और पैड के बीच जाकर लेग स्टंप पर लगी। बत्तियां जल गईं। विकेटकीपर मैथ्यू वेड खुशी से झूम उठे। राशिद खान ने भी मस्ती में आउट का इशारा करते हुए दौड़ लगानी शुरू कर दी। लेकिन…
बस यहीं से खेल शुरू हुआ। गेंद विकेट से टकराई जरूर। और जोर से टकराई। लाइट भी जली। लेकिन बेल्स ने विकेट का साथ नहीं छोड़ा। यानी मैक्सवेल को पहली ही गेंद पर जीवनदान मिला। वह आउट नहीं हुए। गुजरात के लिए जैसे इतना ही काफी नहीं था। गेंद बाउंड्री लाइन के पार चार रन के लिए भी गई।
ग्लेन मैक्सवेल ने किस्मत से मिले इस मौके का पूरा फायदा उठाया। उन्होंने 18 गेंदों पर 40 रन बनाए। नाबाद। और अपनी टीम को 8 गेंद बाकी रहते जीत दिला दी। मैक्सवेल ने अपनी पारी मे पांच चौके और दो छक्के लगाए। इस जीत ने बैंगलोर के अंतिम चार में पहुंचने की उम्मीदें कायम रखी हैं।
विराट कोहली तो रंग में लौट रहे थे लेकिन दूसरे छोर पर ग्लेन मैक्सवेल वह कर रहे थे जिसकी बहुत जरूरत थी। यानी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी। मैक्सवेल ने पक्का किया कि रनरेट हाथों से बाहर न जाए।