अरविंद केजरीवाल ने नहीं किया कोई अपराध, इस पूर्व खिलाड़ी के आरोपों की अदालत में खुली पोल
डीडीसीए और उसके उपाध्यक्ष चेतन चौहन द्वारा दाखिल मानहानि के मामले में अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को किया बरी।
डीडीसीए और उसके उपाध्यक्ष चेतन चौहन द्वारा दाखिल मानहानि के मामले में गुरुवार को दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और भाजपा के निलंबित सांसद कीर्ति आजाद को बरी कर दिया। अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी समर विशाल ने मामले से बरी करने के लिए केजरीवाल के आवेदन को स्वीकार कर लिया और कहा, “ऐसा कोई भी सबूत नहीं है कि उनके बयान से डीडीसीए और किसी अधिकारी की व्यक्तिगत मानहानि हुई हो।”
चौहान ने फरवरी 2016 में केजरीवाल और आजाद के खिलाफ मानहानि का मामला दाखिल किया था और आरोप लगाया था कि दोनों ‘अपमानजनक’ टिप्पणी करके क्रिकेट निकाय की मानहानि कर रहे हैं। चौहान ने केजरीवाल द्वारा एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू के आधार पर मानहानि का दावा किया था। केजरीवाल ने इस इंटरव्यू में कथित रूप से कहा था कि खिलाड़ियों के चयन के लिए उनके परिवार के सदस्यों पर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाया जाता है।
शिकायतकर्ता ने कहा था कि क्रिकेट संघ के खिलाफ ‘फर्जी’ आरोप लगाए गए हैं। केजरीवाल के उक्त बयान को आजाद ने दोहराया था। शिकायतकर्ता ने कहा गया था कि आरोपी (केजरीवाल और आजाद) ने न सिर्फ हजारों क्रिकेट प्रेमियों, बल्कि भारत के लोगों व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर डीडीसीए की विश्वसनीयता और छवि को काफी नुकसान पहुंचाया है।