बेन स्टोक्स की चोट ने बढ़ाई इंग्लैंड की टेंशन, ओली पोप ने दिया अपडेट
ओली पोप ने कहा, हम पहले दिन की स्थिति से संतुष्ट हैं, हम हमेशा यह सीखने की कोशिश करते हैं कि कब आक्रामक होना है और कब दबाव को झेलना है.
भारत और इंग्लैंड की टीम लॉर्ड्स में तीसरे टेस्ट में आमने-सामने है. इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स को लॉर्ड्स में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच के पहले दिन ग्रोइन (जांघ) में चोट की दिक्कत दिखी, वह मैदान पर लंगड़ाते हुए नजर आए, लेकिन इसके बावजूद वह नाबाद 39 रन बनाकर दिन का खेल खत्म होने तक डटे रहे. इंग्लैंड के उपकप्तान ओली पोप ने बेन स्टोक्स की चोट पर अपडेट दिया है.
इंग्लैंड के उपकप्तान ओली पोप को उम्मीद है कि स्टोक्स जल्दी ठीक हो जाएंगे क्योंकि यह टेस्ट मैच बहुत अहम है और दोनों टीमें सीरीज में 1-1 से बराबरी पर हैं. पोप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, हम दुआ कर रहे हैं कि वह किसी तरह वापसी करें और फिर से फिट होकर खेलें, अगले चार दिन हमारे लिए बहुत अहम हैं और उसके बाद भी दो बड़े टेस्ट मैच आने वाले हैं, इसलिए स्टोक्स का उपलब्ध रहना जरूरी है.
उन्होंने यह भी कहा, मेरी जिम्मेदारी है कि मैं ध्यान रखूं कि वह जरूरत से ज्यादा खुद को तकलीफ न दें, टीम के फिजियो और डॉक्टर उनके साथ मिलकर एक योजना बनाएंगे, और मैं भी उन्हें सही दिशा में ले जाने में मदद करूंगा।”
बता दें बेन स्टोक्स इस सीरीज में अभी तक बल्लेबाजी में जूझते नजर आए हैं. लॉर्ड्स टेस्ट की पहली पारी में उनका सीरीज का बेस्ट स्कोर आया है। हालांकि उनकी गेंदबाजी ठीक रही है लेकिन मौजूदा चोट से एक बार फिर स्टोक्स की ऑलराउंड क्षमता प्रभावित हो सकती है।
हमने हालात के अनुसार खेलना चुना: पोप
वहीं, तीसरे टेस्ट के पहले दिन जो रूट ने मुश्किल हालात में शानदार बल्लेबाजी करते हुए 99 रन बनाए और वह क्रीज पर डटे हुए हैं. इंग्लैंड ने पहले दिन 83 ओवर में 4 विकेट खोकर 251 रन बना लिए. भारत के गेंदबाजों ने कड़ा मुकाबला किया, लेकिन इंग्लैंड ने धैर्य और समझदारी के साथ बल्लेबाजी की. पोप ने खुद 104 गेंदों में 44 रन बनाए. उन्होंने कहा, हम आमतौर पर तेज और आक्रामक अंदाज में खेलते हैं, लेकिन आज हमने हालात के अनुसार खेलना चुना.
उन्होंने आगे कहा, 251 रन एक अच्छी शुरुआत है, उम्मीद है कि हम इस स्कोर को 400 या 500 तक ले जा पाएंगे, पिच थोड़ी मुश्किल थी और भारत ने भी अच्छी गेंदबाजी की, इसलिए हम पहले दिन की स्थिति से संतुष्ट हैं, हम हमेशा यह सीखने की कोशिश करते हैं कि कब आक्रामक होना है और कब दबाव को झेलना है, आज हमने उसी का अभ्यास किया.