फिरोजशाह स्‍टेडियम के स्‍टैंड से नाम हटवाना चाहते हैं Bishan Singh Bedi, डीडीसीए सदस्‍यत भी छोड़ी

बिशन सिंह बेटी 70 के दशक में भारतीय टीम की कप्‍तानी भी कर चुके हैं.

By India.com Staff Last Published on - December 23, 2020 12:59 PM IST

टीम इंडिया का 70 के दशक में प्रतिनिधित्‍व कर चुके पूर्व स्पिनर बिशन सिंह बेदी (Bishan Singh Bedi) दिल्‍ली एंड डिस्ट्रिक्‍ट क्रिकेट एसोसिएशन के मौजूदा अध्‍यक्ष रोहन जेटली से काफी खफा हैं.  यही वजह है कि उन्‍होंने फिरोजशाह कोटल स्‍टेडियम (वर्तमान में अरुण जेटली स्‍टेडियम) के स्‍टैंड से अपना नाम हटाने की अपील की है.

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रोहन जेटली (Rohan Jaitley) पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व डीडीसीए अध्‍यक्ष रह चुके अरुण जेटली के बेटे हैं. पूर्व भारतीय बिशन सिंह बेदी (Bishan Singh Bedi) का नाम दो साल पहले ही कोटला स्टेडियम में एक स्टैंड पर लिखा गया था. बेदी दिल्ली को दो बार रणजी ट्रॉफी खिताब दिलाया है. उन्होंने साथ ही डीडीसीए की सदस्यता छोड़ने का भी फैसला किया है.

74 साल के बेदी ने डीडीसीए के मौजूदा अध्यक्ष रोहन जेटली (Rohan Jaitley) को मंगलवार रात को पत्र लिखते हुए कहा है, मुझे अपने आप पर गर्व है कि मैं काफी सहनशील और धैर्यवान हूं, लेकिन डीडीसीए जिस तरह से चल रही है उसने मेरी परीक्षा ली है और इसी ने मुझे यह फैसला लेने को मजबूर किया है. इसलिए अध्यक्ष महोदय मैं आपसे अपील करता हूं कि आप मेरा नाम स्टैंड पर से तत्काल प्रभाव से हटा दें. साथ ही मैं अपनी डीडीसीए की सदस्यता त्याग रहा हूं. मैंने यह फैसला जानबूझ कर लिया है.

कोटला स्टेडियम का नाम बदलकर अरुण जेटली स्टेडियम कर दिया गया है. बेदी (Bishan Singh Bedi), रोहन की अध्यक्षता में डीडीसीए के काम से खुश नहीं हैं. रोहन डीडीसीए के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री दिवंगत अरुण जेटली के बेटे हैं. अरुण के खिलाफ बेदी ने 1999 में अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा था.

संभवत: एक और कारण 2020-21 सीजन में दिल्ली की सीनियर चयन समिति का चयन भी हो सकता है. 60 साल की आयुसीमा के नियम ने दिल्ली और भारत के पूर्व खिलाड़ी कीर्ति आजाद को चयनकर्ता बनने की दौड़ से बाहर कर दिया. 61 साल के आजाद, बेदी के काफी करीबी माने जाते हैं.