कप्तान धोनी के साथ बातचीत ने मेरी सोच को पूरी तरह बदल दिया: रुतुराज गायकवाड़
चेन्नई सुपर किंग्स के युवा बल्लेबाज रुतुराज गायकवाड़ ने आखिरी तीन लीग मैचों में लगातार तीन अर्धशतकीय पारियां खेली।
13वें इंडियन प्रीमियर लीग सीजन में भले ही चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) प्लेऑफ में ना पहुंच पाई हो लेकिन टीम को सैम कर्रन (Sam Curran) और रुतुराज गायकवाड़ (Ruturaj Gaikwad) के रूप में कुछ शानदार प्रतिभावशामी युवा खिलाड़ी मिले हैं। खासतौर पर गायकवाड़ जिन्होंने सीएसके के आखिरी तीनों लीग मैचों में तीन अर्धशतकीय पारी खेलकर तीन बार मैन ऑफ द मैच का खिताब जीता।
हालांकि टूर्नामेंट की शुरुआत गायकवाड़ के लिए अच्छी नहीं रही थी। लेकिन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) से बात करने के बाद उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिली।
स्पोर्ट्स्टार से बातचीत में गायकवाड़ ने बताया कि कैसे डेब्यू मैच में शून्य पर आउट होने के बाद धोनी ने उन्हें प्रेरित किया। रुतुराज ने कहा, “मुझे पता था कि मुंबई के खिलाफ मैच में क्या चुनौतियां थी और मैंने खुद को बोल्ट, बुमराह और पैटिनसन का सामना करना के लिए तैयार किया था लेकिन मेरे विकेट ने पूरी पारी का मूमेंटम सेट कर दिया और हम वहां से उबर ही नहीं पाए और 110 पर ऑलाआउट हो गए।”
उन्होंने कहा, “मैं नई गेंद पर आउट होने और टीम को शुरुआत ना दे पाने के लिए खुद को दोष दे रहा था। ये चीज फील्ड में भी दिखी। मैंने एक भी गेंद को निकने नहीं दिया या कोई आसान कैच नहीं छोड़ा लेकिन मैदान पर भी वही हुआ। आत्मविश्वास की कमी मेरी फील्डिंग में साफ दिखी।”
कैप्टन कूल के बारे में उन्होंने कहा, “धोनी मेरे पास आए और पूछा कि क्या में दबाव में हूं। उन्होंने कहा ‘हम तुम पर दबाव नहीं डालना चाहते लेकिन हमें तुमसे कुछ उम्मीदे हैं। मैं केवल इतना कहूंगा कि तुम अगले तीनों मैच खेलोगे, चाहे एक भी रन ना बनाओ। इन मैचों का मजा लेने की कोशिश करो और अपने प्रदर्शन के बारे में मत सोचों’।”
गायकवाड़ ने कहा, “उन्होंने मुझे कहा कि उतार-चढ़ाव की चिंता ना करो और अपने खेल का मजा लो। उस बातचीत के बाद, मेरी सोच बदल गई। तब तक, मैं इन सब चीजों के बारे में ही सोच रहा था जैसे कब मुझे आईपीएल की अपनी पहली बाउंड्री मिलेगी या फिर कब मैं प्रभाव बना सकूंगा, 15-20 रन के कैमियो से भी। लेकिन उस बात के बाद, बड़ा बदलाव आया।”
धोनी की इस बात का प्रभाव गायकवाड़ पर गहरा पड़ा और उन्होंने सीएसके के आखिरी तीन लीग मैचों में 65, 72 और 62 रन की मैचविनिंग पारियां खेली।
रुतुराज ने आखिरी में कहा, “मुझे याद है आरसीबी के खिलाफ मैच के दौरान, मैं उस स्थिति में केवल टीम के लिए योगदान देने के बारे में सोच रहा था। मुझे लगता है कि कप्तान ने मेरी मानसिक स्थिति को पढ़ा, मेरी सोच को बदला और मुझे मुक्त कर दिया।”