IND vs NZ Final: खिताब जीत रोहित रचना चाहेंगे इतिहास, न्यूजीलैंड भी टक्कर के लिए पूरी तरह तैयार

न्यूजीलैंड के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल की जंग के लिए टीम इंडिया पूरी तरह से तैयार है.

By Saurav Kumar Last Updated on - March 8, 2025 8:46 PM IST

IND vs NZ Final: अब तक अपने प्रतिद्वंद्वियों और आलोचकों को हाशिये पर रखने में कामयाब रही भारतीय टीम को बारह साल बाद चैम्पियंस ट्रॉफी जीतने के लिये न्यूजीलैंड जैसी मजबूत टीम से तो रविवार को फाइनल में पार पाना ही होगा लेकिन साथ ही विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गजों को लेकर जज्बाती होने से भी बचना होगा .

भारत के लिये न्यूजीलैंड हमेशा कठिन चुनौती साबित हुआ है और आईसीसी टूर्नामेंटों में न्यूजीलैंड का उसके खिलाफ जीत का रिकॉर्ड 10 . 6 का है . न्यूजीलैंड ने आईसीसी नॉकआउट चरण में भारत के खिलाफ चार में से तीन मुकाबले जीते हैं .

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क्रिकेट जगत का एक तबका सारे मैच दुबई में खेलने का अनुचित फायदा उठाने के लिये भारत की लगातार आलोचना कर रहा है . लेकिन अब इस तर्क में दम नहीं लगता क्योंकि न्यूजीलैंड टीम भी यहां खेल चुकी है . भारतीय टीम का आत्मविश्वास इसलिये भी बढा हुआ है क्योंकि उसकी स्पिन चौकड़ी दुबई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की सपाट पिच पर काफी कामयाब रही है . ऐसा लगता है कि भारतीय टीम चार स्पिनरों और दो तेज गेंदबाजों का संयोजन लेकर ही उतरेगी .

वरुण और कुलदीप करेंगे कमाल

दाहिने हाथ के स्पिनर वरूण चक्रवर्ती और बायें हाथ के कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव ने विरोधी बल्लेबाजों को पूरे टूर्नामेंट में परेशान रखा है . रविंद्र जडेजा और अक्षर पटेल ने भारतीय गेंदबाजी आक्रमण को मजबूती दी है . उनकी सटीकता ने बल्लेबाजों को गैर जिम्मेदाराना शॉट्स खेलने के लिये मजबूर किया .

अगर फाइनल उसी पिच पर खेला जाता है जहां भारत और पाकिस्तान का मैच हुआ था तो ये चारों गेंदबाज फिरकी के जाल में कीवी टीम को बुरी तरह फांस सकते हैं . न्यूजीलैंड के लिये सबसे बड़ी उम्मीद केन विलियमसन और रचिन रविंद्र होंगे जो स्पिन को खेलने में महारत रखते हैं . न्यूजीलैंड के पास भी कप्तान मिचेल सेंटनेर, माइकल ब्रेसवेल, रविंद्र और ग्लेन फिलिप्स के रूप में धुरंधर स्पिनरों की चौकड़ी है जो उनके लिये यही काम कर सकती है .

पिछले साल टेस्ट श्रृंखला में न्यूजीलैंड के स्पिनरों ने भारत को काफी परेशान किया था और एक बार फिर वे 2000 के बाद पहली बार आईसीसी वनडे खिताब जीतने की कोशिश में उस प्रदर्शन को दोहराना चाहेंगे . पच्चीस साल पहले नैरोबी में न्यूजीलैंड ने फाइनल में भारत को हराकर नॉकआउट टूर्नामेंट जीता था . दूसरी ओर पिछले साल टी20 विश्व कप जीत चुकी भारतीय टीम ऐसा होने नहीं देने की पूरी कोशिश करेगी . इसके लिये विराट कोहली और रोहित शर्मा को बड़ी भूमिका निभानी होगी . उनके कैरियर का आखिरी पड़ाव अब मैच दर मैच निकट आता दिख रहा है .

यह कहा नहीं जा सकता कि इतने समय से भारतीय क्रिकेट की सेवा कर रहे दोनों धुरंधरों का यह आखिरी टूर्नामेंट होगा या नहीं . अगर होता है तो दोनों खिताब के साथ विदा लेना चाहेंगे .

पिछले कुछ समय से बीस तीस रन बनाकर संतुष्ट दिख रहे रोहित को रवैये में बदलाव करके क्रीज पर लंबे समय तक टिकना होगा . इससे मध्यक्रम के बल्लेबाजों पर से दबाव कम होगा . मैट हेनरी के चोटिल होने से भी वह राहत महसूस कर रहे होंगे क्योंकि इस तेज गेंदबाज ने अतीत में उन्हें काफी परेशान किया है .

रोहित से बड़े योगदान की अपेक्षा होगी जबकि कोहली ऐसा करते आ रहे हैं . पिछली पांच पारियों में उन्होंने एक शतक और दो अर्धशतक जमाकर पुराने दिनों की यादें ताजा करा दी है . कोहली और रोहित के अलावा उपकप्तान शुभमन गिल,श्रेयस अय्यर, केएल राहुल और हार्दिक पंड्या से भी उपयोगी योगदान की उम्मीदें होंगी . गिल और श्रेयस ने टुकड़ों में अच्छा प्रदर्शन किया है जबकि आस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में राहुल और पंड्या ने भी अपना काम किया . अब इन सभी को एक ईकाई के रूप में अच्छा प्रदर्शन करके भारत को खिताब दिलाना होगा . वैसे भी अरब की धरती परीकथाओं के लिये भी जानी जाती है .