अनुचित तरीके से मैदान पर घूमते दिखे तो पूरी टीम पर लगेगा 5 रन का जुर्माना, जानें क्या कहते हैं ICC के नए नियम ?
एमसीसी ने मांकडिंग आउट से लेकर डेड बॉल, गेंद पर लार के इस्तेमाल के नियम में बदलाव किए हैं। नए नियम एक अक्टूबर से लागू होंगे.
मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (Marylebone Cricket Club) ने क्रिकेट के खेल में ऐसे-ऐसे बदलाव किए हैं जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी. आईसीसी के नए नियमों के तहत अनुचित रूप से मैदान पर खड़े होने या घूमने वाले फिल्डिंग कर रही टीम के खिलाड़ियों को लेकर भी नियम बनाए गए हैं. ऐसी स्थिति में आईसीसी का नया नियम बल्लेबाजी कर रही टीम के खिलाड़ी के पक्ष में जाता है और उन्हें पांच रन प्रदान करता है. एमसीसी की तरफ से अपनी रिपोर्ट को आईसीसी को भेजा गया है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो नए नियम एक अक्टूबर से लागू हो जाएंगे. आमतौर पर एमसीसी द्वारा बनाए गए नियमों का विरोध कम ही होता है.
लगेगी 5 रन की पैनेल्टी (Laws 27.4 and 28.6 )
मौजूदा वक्त में अगर फिल्डिंग कर रही टीम का कोई भी खिलाड़ी अनुचित तरीके से मैदान पर चलता है तो ऐसे केस में इसे डेड बॉल करार दिया जाता है और गेंदबाज को यह बॉल दोबारा डालनी पड़ती है. अगर इस डेड बॉल पर बल्लेबाज चौका-छक्का लगा दे तो यह उसका नुकसान है क्योंकि गेंद दोबारा डाली जाएगी. अब ऐसे मामले में बल्लेबाजी कर रही टीम के खाते में पांच रन जोड़ दिए जाएंगे. विरोधी टीम को पांच रन का नुकसान उठाना होगा.
डेड बॉल को खेलने का अधिकार (Law 25.8 )
टी20 विश्व कप 2021 के दौरान डेविड वार्नर ने पाकिस्तान के खिलाफ मैच के दौरान पिच से बाहर जा रही गेंद को जबरन खेलने का प्रयास करके उसपर छक्का जड़ा था. गेंदबाज के हाथ से बॉल छूट गई थी और ऐसे में अंपायर इसे डेडबॉल दिया जाता है. इसे खेल भावना के खिलाफ माना गया. अब नए नियम के तहत बल्लेबाज के पास यह अधिकार है कि अगर गेंद पिच के दायरे में है या फिर खिलाड़ी का शरीर व उसके बल्ले का कुछ हिस्सा पिच के अंदर है तो वो उसे खेल सकता है.
मांकडिंग आउट (Law 38.3 )
मांकडिंग आउट को लेकर नया नियम लाया गया है. अब गेंदबाजी से पहले ही नॉन-स्ट्राइकर एंड के खिलाड़ी के अपनी रेखा से बाहर चले जाने पर गेंदबाज के पास यह अधिकार होगा कि वो गिल्लियां बिखेरकर उन्हें आउट कर सके. पहले ऐसा करना अनैतिक करार दिया जाता है.
थूक का इस्तेमाल (Law 41.3)
कोरोना महामारी के आने के बाद क्रिकेट में गेंद पर थूक के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई थी. एमसीसी ने पाया कि लार या थूक के इस्तेमाल से स्विंग मिलने में बेहद कम व ना के बराबर मदद मिलती है. खिलाड़ी ऐसे में पसीने को गेंद पर लगा रहे थे. अब नए कानून गेंद पर लार के उपयोग की अनुमति नहीं देगा, क्योंकि गेंद पर अपनी लार लगाने के लिए खिलाड़ी शुगर वाले प्रोडेक्ट का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में लार का उपयोग उसी तरह किया जाएगा जैसे गेंद की स्थिति को बदलने के किसी अन्य अनुचित तरीके से किया जाता है.