अगर चतुष्कोणीय सीरीज में खेले भारत-पाकिस्तान तो PCB ने लगा लिया अनुमान- 5000 करोड़ रुपये की होगी कमाई

PCB के एक अधिकारी ने बताया कि अगर यह योजना परवान चढ़ी तो इस टूर्नामेंट के मीडिया और कमिर्शियल अधिकारों को बेचकर 650 मिलियन डॉलर की कमाई होगी.

By India.com Staff Last Published on - April 2, 2022 4:53 PM IST

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के नए अध्यक्ष रमीज राजा (Ramiz Raja) ने क्वॉर्डएंगुलर यानी चतुष्कोणीय सीरीज का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें वह चाहते हैं कि भारत, पाकिस्तान के अलावा इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया को शामिल कर टी20 फॉर्मेट के रूप में खेली जाए. पीसीबी ने इस सीरीज का आयोजन इस साल सितंबर या अक्टूबर में आयोजित करने की योजना बनाई है.

Powered By 

पीसीबी ने इस सीरीज के लिए अनुमान लगा लिया है कि अगर भारत पाकिस्तान की टीमें इसमें खेलती हैं तो फिर इस सीरीज से करीब 650 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी 494 हजार करोड़ (भारतीय रुपयों में) की कमाई होगी, जिससे आईसीसी समेत इन चारों देशों के क्रिकेट बोर्ड को भी खूब लाभ होगा.

पीसीबी अपने इस प्रस्वाव को अगले सप्ताह दुबई में होने वाली मीटिंग में औपचारिक तौर पर पेश करेगा. पीसीबी ने यह अनुमान मीडिया और कमर्शियल अधिकारों के जरिए आने वाले पैसे पर लगाया है. क्रिकइन्फो की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पीसीबी के एक अधिकारी ने इस प्रस्तावित सीरीज पर बात करते हुए कहा, ‘हमने यह रणनीतिक पेपर तैयार किया है, जिसमें आईसीसी और इसमें भाग लेने वाले देशों को इस प्रस्तावित टूर्नामेंट के लिए प्रोत्साहित और आमंत्रित करने की तैयारी की है.’

उन्होंने कहा, ‘हम क्रिकेट की पारंपरिक प्रतिद्वंद्विता को एक बड़े मंच के कार्यक्रम में तब्दील करना चाहते हैं, जो नई पीढ़ी के क्रिकेटरों को आकर्षित कर सके, क्रिकेट के विकास में तेजी ला सके और इसके सदस्यों के लिए राजस्व को बढ़ा सके.’

सूत्र ने बताया कि यह प्रस्ताव एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है. अगर एक बार इसकी शुरुआत हो जाती है तो फिर इसे सालाना कार्यक्रम के तहत हर इसे वैश्विक स्तर पर सालाना तौर पर तैयार करने की कोशिश है. क्योंकि दुनिया भर में फैन्स चाहते हैं कि भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे के खिलाफ क्रिकेट खेलें, ठीक ऐसे ही ऑस्ट्रेलिया इंग्लैंड से खेले और फिर भारत और पाकिस्तान भी बारी-बारी ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से भिड़ें, जिससे खेल का रोमांच अपने चरम पर हो.

हालांकि पीसीबी के इस प्रस्ताव पर भारत की हां और न पूरी तरह से टिकी है. दोनों देशों के राजनीतिक रिश्तों में बीते दो दशकों से तल्खी बढ़ी है, जिसके चलते वे सिर्फ आईसीसी टूर्नामेंटों में ही एक या दो मैचों के लिए एक-दूसरे से भिड़ते हैं लेकिन दोनों ही देश आपस में द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलते हैं. अगर बीसीसीआई ने पाकिस्तान के खिलाफ न खेलने का अपना रुख कायम रखा तो फिर उसे निराशा होगी.