युवा स्पीडस्टार Umran Malik के पिता ने बताया बेटे का सपना- हमेशा कहता था, 'पापा भारत के लिए खेलना है'
भारतीय क्रिकेट में बेटे के उभरते हुए कद से उमरान मलिक के पिता गदगद हैं.
हाल ही में यूएई में खत्म हुए आईपीएल (IPL 2021) में जम्मू कश्मीर के युवा तेज गेंदबाज उमरान मलिक (Umran Malik) ने अपनी आग उलगती गेंदों से सनसनी फैला दी थी. यह युवा तेज गेंदबाज इस लीग में 150 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से लगताार बॉलिंग करता दिखाई दिया. उनकी इस शानदार गति को देखते हुए बीसीसीआई ने उन्हें टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup 2021) में नेट गेंदबाज के रूप में टीम के साथ अभ्यास का मौका दिया. अब मलिक को साउथ अफ्रीका ‘A’ के खिलाफ 4 दिवसीय सीरीज के लिए भारत ‘A’ टीम में पहली बार शामिल किया गया है.
मलिक की इन उपलब्धियों ने उनके पिता अब्दुल राशिद को बेहद खुशी दी है. इस बीच, राशिद ने बताया, ‘वह हमेशा मुझसे कहता है, पापा मैं भारत के लिए खेलना चाहता हूं.’ हमारी दुआएं हमेशा उनके साथ रही हैं. हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि हमारा बच्चा एक दिन भारत के लिए खेले. अब उनका नाम भारत की टीम ए में आ गया है.’
उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि भविष्य में उसका नाम भारतीय टीम में भी आ जाएगा.’ उन्होंने बताया, ‘वह हमारा बच्चा नहीं है, वह राष्ट्र का बच्चा है. अब हमारी एकमात्र इच्छा उसे अच्छा खेलते हुए देखने की है, जिससे देश गौरवान्वित हो.’
राशिद ने कहा, ‘हम बेहद खुश हैं. पूरा जम्मू-कश्मीर और भारत इस बच्चे के लिए खुश है. पूरा देश उसकी प्रशंसा कर रहा है. क्योंकि उन्होंने बहुत अच्छी गेंदबाजी की है. आईपीएल में तेज गेंदबाज टी. नटराजन की कोविड-19 पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद मलिक को सनराइजर में जगह दी गई थी. इसके बाद, उन्होंने आईपीएल में अपनी गति से सबको हैरान करते हुए बेहतरीन प्रदर्शन किया. इस बीच, भारतीय कप्तान विराट कोहली सहित कई क्रिकेटरों का ध्यान उनकी ओर गया था.
राशिद ने अपने बेटे की गति का श्रेय ईश्वर को दिया है. मलिक ने आईपीएल 2021 की शीर्ष दस सबसे तेज गेंदों में अपना नाम दर्ज किया था. उन्होंने अधिकतम 152.95 किलोमीटर प्रति घंटे की गेंद डालकर गेंदबाजों में दूसरे स्थान पर रहे थे.
उन्होंने कहा, ‘मलिक ने कहीं से कुछ नहीं सीखा. वह उनकी अपनी ताकत है, जो वह क्रिकेट अकादमी के साथ-साथ कॉलेज में भी जाकर अभ्यास करते थे. भगवान ने उन्हें अच्छी गेंदबाजी करने की ताकत दी है.’ उन्होंने कहा, ‘उनमें काफी दम है और वह पूरा दिन क्रिकेट खेलते थे. वह सुबह 10 बजे निकल जाते थे और शाम 7 बजे वापस आते थे. अभ्यास के लिए निकलते समय वह अपने साथ 3-4 बोतल पानी की ले जाते थे. वह कहते थे कि पापा मुझे अभ्यास के लिए जाना है.’
मलिक जम्मू के गुज्जर नगर के एक साधारण परिवार से आते हैं. फल बेचने वाले राशिद का कहना है कि उनका परिवार हमेशा उनके बेटे को क्रिकेट खेलने के लिए समर्थन करता है. वह तीन-चार साल का था, जबसे उसकी क्रिकेट में रुचि थी. हमने उसे क्रिकेट खेलने से कभी नहीं रोका. उसे खेल खेलने के लिए जो कुछ भी चाहिए था, हमने उसे वह सब कुछ प्रदान किया.
(इनपुट: आईएएनएस)