पैसे-पैसे के लिए मोहताज इंग्लैंड टीम, भारत में आने के बाद नहीं मिला दैनिक भत्ता

इंग्लिश खिलाड़ियों को हर दिन के 4,200 रुपए अदा किए जाते हैं, जो उन्हें आजकल नहीं मिल रहा है।

By Cricket Country Staff Last Published on - November 21, 2016 11:38 AM IST
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इंग्लैंड क्रिकेट टीम © Getty Images

वर्तमान में इंग्लैंड और भारत के बीच टेस्ट सीरीज खेली जा रही है। दोनों ही टीमें एक दूसरे के खिलाफ खूब जोर-अजमाइश कर रही हैं। सीरीज का पहला टेस्ट राजकोट में खेला गया जो ड्रॉ पर समाप्त हुआ और दूसरे टेस्ट मैच के पांचवें दिन टीम इंडिया जीत की ओर बढ़ रही है। वहीं, दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट और बीसीसीआई के बीच ठनी हुई है। एक समय ऐसा लग रहा था कि यह सीरीज नहीं हो पाएगी। अंततः, SC ने एक रास्ता निकाला और सीरीज आयोजित करवाने के लिए कुछ पैसे मुहैया कराए। बीसीसीआई की सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त की गई लोढ़ा समिति से पिछले 18 महीनों से ठनी पड़ी है।

इस साल की शुरुआत में समिति ने क्रिकेट बोर्ड को कुछ सुझावों को लागू करने के लिए कहा था जिस पर क्रिकेट बोर्ड ने ना- नुकुर की थी। इसके बाद से लोढ़ा समिति ने अपना हाथ कड़ा कर दिया। जब तक बीसीसीआई इन सुझावों को स्वीकार नहीं करेगी तब तक सुप्रीम कोर्ट के अनुमोदन के बगैर बीसीसीआई धन का वितरण नहीं कर पाएगा। साथ ही वह न ही किसी अनुबंध में उतर पाएगा।  [भारत बनाम इंग्लैंड, दूसरा टेस्ट, लाइव स्कोरकार्ड देखने के लिए क्लिक करें]

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सीरीज के शुरू होने से पहले बीसीसीआई और ईसीबी ने ज्ञापन समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए थे। इस समझौते के अंतर्गत टीम के दौनिक भत्ते का भुगतान भी शामिल है। हालिया अपडेट बताते हैं कि इंग्लिश खिलाड़ियों को अभी तक एक दिन का भुगतान भी नहीं दिया गया है। गौरतलब है कि वह भारत में पिछले 18 दिनों से हैं। इंग्लिश क्रिकेट टीम के एक सूत्र ने इस संबंध में पुष्टि की। उसने कहा, “हां, इंग्लिश टीम को अभी भी भुगतान मिलना बाकी है। इंग्लिश खिलाड़ियों को हर दिन के 4,200 रुपए अदा किए जाते हैं, जो उन्हें आजकल नहीं मिल रहा है। साथ ही विमुद्रीकरण के कारण विदेशी खिलाड़ियों के साथ बंध से गए हैं।”

जब उनसे पूछा गया कि खिलाड़ी अपने खर्चों को कैसे पूरा करते हैं। तो उन्होंने कहा, “खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ ज्यादातर ट्रांजेक्शन क्रेडिट कार्ड से कर रहे हैं। वहीं उनके पास थोड़ा सा कैश(भारतीय मुद्रा) है जो उन्हें मैनेजर ने दिया है।” उसने आगे कहा, “मैं ये नहीं कहूंगा कि बहुत ज्यादा परेशानियां हैं लेकिन कैश कम होने से असुविधा का जरूर सामना करना पड़ रहा है।” यह भी पता चला है कि मैच के अधिकारियों को दैनिक भत्ता दिया जा रहा है। बीसीसीआई और ईसीबी के संबंध हमेशा से अच्छे रहे हैं। खासतौर पर श्रीनिवासन के काल में। पिछले दिनों बीसीसीआई ने ईसीबी को सपोर्ट करने को भी कहा था।