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Happy BirthDay Harsha Bhogle: 'वॉइस ऑफ क्रिकेट', जिसने महज 19 साल की उम्र में शुरू की थी कमेंट्री

हर्षा भोगले उन चुनिंदा कमेंटेटर्स में से हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट नहीं खेला, फिर भी अपनी विश्लेषण क्षमता और खेल के प्रति समझ से दुनिया भर में सम्मान हासिल किया.

user-circle cricketcountry.com Written by Akhilesh Tripathi
Published: Jul 19, 2025, 09:41 AM (IST)
Edited: Jul 19, 2025, 09:41 AM (IST)

Happy Birthday Harsha Bhogle: भारत में कई पूर्व क्रिकेटरों ने संन्यास के बाद कमेंट्री की दुनिया में अपना नाम कमाया. दर्शकों के बीच इन जाने-पहचाने चेहरों ने अपनी आवाज के जरिए क्रिकेट का आंखों देखा हाल घर-घर तक सुनाया है. चाहे सुनील गावस्कर हो या रवि शास्त्री, इन्होंने कमेंट्री को नए आयाम दिए. इसी बीच एक ऐसा नाम भी उभरकर आया तो परंपरागत क्रिकेटर नहीं था, लेकिन अपने हुनर और पैशन से अंग्रेजी कमेंट्री का पर्याय बन गया। ये शख्स हैं- हर्षा भोगले। उन्होंने इंग्लिश कमेंट्री में एक अलग ही फैन बेस बनाया.

हर्षा ने अंग्रेजी कमेंट्री में दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया और क्रिकेट की क्लास को युवाओं तक पहुंचाया. समय के साथ हिंदी भाषा के बढ़ते बाजार के साथ, हर्षा हिंदी में भी कमेंट्री करते नजर आते हैं। उन्होंने अपने कमेंट्री करियर में कई टूर्नामेंट कवर किए.

जटिल क्रिकेट रणनीतियों को सरल भाषा में समझाने का हुनर

भोगले की कमेंट्री उनकी गहरी क्रिकेट समझ, हास्य और दर्शकों से जुड़ने की कला के लिए जानी जाती है, वे जटिल क्रिकेट रणनीतियों को सरल भाषा में समझाने में माहिर हैं। उनकी निष्पक्ष टिप्पणियां और खेल के प्रति जुनून ने हर्षा की कमेंट्री को ‘वॉइस ऑफ क्रिकेट’ बना दिया.

64वां जन्मदिन मना रहे हैं हर्षा भोगले

19 जुलाई 1961 को जन्मे हर्षा भोगले शनिवार को अपना 64वां जन्मदिन परिवार के साथ सेलिब्रेट करेंगे. हर्षा भोगले ने भारत के पूर्व खिलाड़ियों के अलावा विदेशी क्रिकेटरों के साथ कई बार कमेंट्री की. भारतीय खिलाड़ियों के साथ उनके रिश्ते भी काफी मजबूत हैं, हर्षा अपने मजाक के लिए भी मशहूर रहे हैं, कई बार बड़ी तकनीकी जानकारी देने का अंदाज भी हास्य से भरपूर होता है.

19 साल की उम्र में शुरू की थी कमेंट्री

हैदराबाद में एक मराठी भाषी परिवार में जन्मे हर्षा ने अपनी विशिष्ट आवाज और विश्लेषण से क्रिकेट प्रशंसकों के बीच खास जगह बनाई है। दर्शकों को यह भी जानना जरूरी है कि क्रिकेट कमेंट्री करने से पहले हर्षा ने हैदराबाद में डिवीजन क्रिकेट खेला है. हर्षा से जुड़ी एक खास बात यह है कि उन्होंने महज 19 साल की उम्र में उन्होंने कमेंट्री शुरू की.

इस वजह से चर्चा में भी रहे हर्षा भोगले

भोगले ने अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव भी देखे, 2019 में भारत-बांग्लादेश टेस्ट मैच के दौरान गुलाबी गेंद की दृश्यता पर हर्षा की टिप्पणी को लेकर संजय मांजरेकर के साथ उनकी तीखी बहस हुई, हालांकि, बाद में मांजरेकर ने अपने व्यवहार के लिए माफी मांगी. इसके अलावा, हर्षा भोगले को साल 2016 में आईपीएल कमेंट्री से हटाया गया था, जिसका कारण विदेशी खिलाड़ियों की तारीफ करना बताया गया। इस घटना ने काफी चर्चा बटोरी। हालांकि, बाद में उनके फैंस ने सोशल मीडिया पर उनकी वापसी के लिए एक कैंपेन भी चलाया था, जिसने काफी चर्चा बटोरी थी.

कमेंट्री के अलावा, हर्षा एक बेहतरीन वक्ता हैं, वे कॉर्पोरेट इवेंट्स, लीडरशिप सेमिनार और मोटिवेशनल स्पीच में भी सक्रिय हैं, जहां वे खेल से प्रेरित बिजनेस और नेतृत्व के सबक साझा करते हैं. हर्षा उन चुनिंदा कमेंटेटर्स में से हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट नहीं खेला, फिर भी अपनी विश्लेषण क्षमता और खेल के प्रति समझ से दुनिया भर में सम्मान हासिल किया.

उनकी कमेंट्री में हास्य का पुट और खिलाड़ियों के साथ सहज बातचीत उन्हें खास बनाती है. उनकी और रवि शास्त्री या सुनील गावस्कर की ऑन-एयर मजेदार बातचीत प्रशंसकों को खूब पसंद आती है, हर्षा ने क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों, जैसे टेनिस और फुटबॉल, में भी कमेंट्री की है, उनकी बहुमुखी प्रतिभा उन्हें एक अनोखा कमेंटेटर बनाती है.

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INPUT- IANS