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भारत के जाक कैलिस बनना चाहते हैं हार्दिक पांड्या
22 साल के हार्दिक पांड्या ने अपनी जिंदगी में काफी उतार-चढ़ावा देखे हैं। वह गुजरात के दूर- दराज गावों में 400 रुपए के लिए क्रिकेट खेलेने जाया करते थे।
Written by Cricket Country Staff
Published: Feb 17, 2016, 04:41 PM (IST)
Edited: Feb 17, 2016, 04:41 PM (IST)


घरेलू क्रिकेट में शानदार क्रिकेट खेलने के बाद भारतीय टीम में सम्मिलित किए गए हरफनमौला क्रिकेटर हार्दिक पांड्या दो सीरीजों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने के बाद काफी खुश हैं। हाल ही में अंग्रेजी वेबसाइट आईबीएन7 के साथ साक्षात्कार में उन्होंने अपने क्रिकेट जीवन के संबंध में कई बातें की। बड़ौदा के क्रिकेटर पांड्या ने दक्षिण अफ्रीका के जाक कालिस को अपना आदर्श बताया और उन्होंने कैलिस के दक्षिण अफ्रीका टीम को दिए योगदान को भी सराहा। पांड्या ने कहा कि वह भारत के लिए सब कुछ करना चाहते हैं। जैसा कि जाक कैलिस दक्षिण अफ्रीका के लिए करते थे और वह गेंदबाजी, बल्लेबाजी और क्षेत्ररक्षण में अपना सर्वस्व योगदान देना चाहते हैं। ये भी पढ़ें: तो आखिर इनकी डांट से सुधरे सचिन तेंदुलकर
पांड्या ने कहा, क्योंकि उन्होंने जो दक्षिण अफ्रीका के लिए किया वह सराहनीय है और जब उन्होंने गेंदबाजी की तो एक विशुद्ध तेज गेंदबाज की तरह गेंदबाजी की। वहीं जब वह बल्लेबाज थे तो विशुद्ध बल्लेबाज और जब वह क्षेत्ररक्षक थे तो विशुद्ध क्षेत्ररक्षक की तरह अपने काम को अंजाम दिया। इसीलिए मैं उन्हें अपना आदर्श मानता हूं क्योंकि मैं भारत का जाक कैलिस बनना चाहता हूं। क्योंकि मैं एक ऐसा खिलाड़ी बनना चाहता हूं जिसकी जब भी टीम को जरूरत हो बल्लेबाजी, गेंदबाजी, क्षेत्ररक्षण में यगदान दे सके। जब पांड्या से पूछा गया कि आपके नाम से कुछ समय पहले बहुत से लोग अनभिज्ञ थे, लेकिन पिछले कुछ समय में आप काफी चर्चित हो गए हैं तो इसके लिए आप किसे श्रेय देना चाहेंगे। ये भी पढ़ें: आईसीसी वनडे रैंकिंग: टॉप 10 में तीन भारतीय बल्लेबाज
उन्होंने इस बात पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “निश्चित रूप से आईपीएल। आईपीएल मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट है। क्योंकि एक साल पहले ये कोई नहीं जानता था कि हार्दिक पांड्या कौन है। लेकिन अब लोग कम से कम ये जानते हैं कि हार्दिक पांड्या एक योग्य ऑलराउंडर है जो मुंबई इंडियंस के लिए खेलता है और अब वह भारत के लिए भी खेलता है। एक साल में मेरी जिंदगी बदल गई है।”
22 साल के हार्दिक पांड्या ने अपनी जिंदगी में काफी उतार-चढ़ावा देखे हैं। वह गुजरात के दूर- दराज गावों में 400 रुपए के लिए क्रिकेट खेलेने जाया करते थे। वह इन रुपयों से अपनी व अपने परिवार की आर्थिक मदद करते थे। उन्होंने आगे कहा, “मेरे दिमाग में यह बात हमेशा से थी कि जो भी मुझे जिंदगी में चाहिए वह सिर्फ मुझे क्रिकेट से प्राप्त हो सकती है, क्योंकि भारत में क्रिकेट एक धर्म है। इसीलिए क्रिकेट ही वह कुछ चीजें ला सकता है जो मुझे चाहिए। इस ग़रीबी में जब मेरे पिता को दिल का दौरा पड़ा और परिवार में आर्थिक समस्या आई मैं जमीन में बैठा हुआ सोच रहा था कि अब जिंदगी में क्या करना है तब मैं 17 साल का था। मैं मैच देख रहा था और तभी मैंने निर्धारित किया कि क्रिकेट मेरी जिंदगी बदल सकता है और क्रिकेट ही वर्तमान में मेरी परिस्थिति सुधार सकता है। इसीलिए मेरा पूरा ध्यान क्रिकेट की ओर चला गया।”
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पांड्या ने पिछले दिनों सैय्यद मुश्ताक अली टी20 टूर्नामेंट में बेहतरीन बल्लेबाजी की थी और सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजी रहे थे। इसके अलावा उन्होंने एक ओवर में 34 रन ठोंकने का रिकॉर्ड भी इसी टूर्नामेंट के दौरान बनाया था। श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टी20 मैच में जिस तरह से 12 गेंदों में उन्होंने 27 रन ठोंके उससे यह साफ हो गया कि वह क्रिकेट में कुछ बड़ा करने के लिए आए हैं। भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी उनसे खासे प्रभावित हैं।