बटलर बोले- अगर विश्व कप हार जाते तो शायद जीवन भर नहीं पकड़ पता बल्ला
विश्व कप के फाइनल मुकाबले में सुपर ओवर भी टाई होने के बाद इंग्लैंड को अधिक चौके लगाने के आधार पर विजेता घोषित किया गया।
इंग्लैंड के विस्फोटक बल्लेबाज जोस बटलर ने कहा कि अगर विश्व कप फाइनल में उनकी टीम जीत दर्ज करने में कामयाब नहीं हो पाती तो शायद वो दोबारा कभी क्रिकेट नहीं खेल पाते।
इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच 14 जुलाई को विश्व कप के इतिहास का सबसे रोमांचक मुकाबला खेला गया। न्यूजीलैंड की टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में 241/8 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने के दौरान मेजबान टीम भी 241 रन पर ऑलआउट हो गई। सुपरओवर में इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 15 रन बनाए, जिसके बाद न्यूजीलैंड भी 15 रन ही बना पाई। सुपर ओवर भी टाई होने पर अधिक चौके लगाने के आधार पर इंग्लैंड को विजेता घोषित किया गया।
डेली मेल से बातचीत के दौरान बटलर ने कहा, “मुझे मैच के दौरान डर लग रहा था कि अगर हम हारे तो मैं दोबारा क्रिकेट नहीं खेल पाउंगा। यह जीवन में एक बार आने वाले मौके की तरह था। विश्व कप का फाइनल लॉर्ड्स में खेला जा रहा था ये एक भाग्य की तरह था। मुझे लग रहा था कि अगर यह अब नहीं हुआ तो शायद मुझमें क्रिकेट का बल्ला उठाने की प्रेरण नहीं बचेगी।”
बटलर ने कहा, “मुझे केवल विश्व कप फाइनल ही नहीं बल्कि लीग स्टेज पर भी घबराहट हो रही थी। खासतौर पर उस समय जब भारत के खिलाफ मुकाबले से पहले हम करो या मरो की स्थिति में पहुंच गए थे।”
“भारत के खिलाफ मैच से पहले में जूझ रहा था। हमें मोस्ट फेवरेट माना जा रहा था। पिछले चार सालों में हमने अच्छा क्रिकेट भी खेला था। चार साल की मेहनत के बाद मुझे सबकुछ बेकार जाने का डर सता रहा था। मुझे लग रहा था कि पता नहीं लोग हमारे बारे में कैसी बाते करेंगे। हमें चोकर्स कहकर बुलाया जाएगा।” बटलर ने खुलाया किया कि वो वर्ल्ड कप के दौरान टीम के मनोचिकित्सक डेविड यंग से मिले।