बेन स्टोक्स की वजह से हारी इंग्लैंड की टीम, दिग्गज क्रिकेटर ने इंग्लिश कप्तान के कई फैसले पर उठाए सवाल
पूर्व क्रिकेटर ने कहा, जब स्टोक्स को अपनी कप्तानी में आक्रमक रवैया अपनाने की जरूरत थी तब उन्होंने लचर रवैया दिखाया.
नई दिल्ली. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर इयान चैपल ने भारत के खिलाफ हाल ही में समाप्त हुई पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के दौरान इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स नेतृत्व की आलोचना करते हुए कहा कि उनके कुछ फैसलों के कारण उनकी टीम सीरीज में 1-4 से पिछड़ गयी.
उन्होंने कहा कि रांची में चौथे टेस्ट की तीसरे दिन के आखिरी सत्र के दौरान विकेट लेने के लिए तेज गेंदबाज जिमी एंडरसन को गेंद थमानी चाहिए थी लेकिन स्टोक्स ने कामचलाऊ स्पिनर जो रूट को गेंदबाजी करने का फैसला किया, जिससे टीम को नुकसान हुआ।
चैपल ने ‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ पर अपने कॉलम में लिखा, चौथे टेस्ट मैच के तीसरे दिन खेल के आखिरी घंटे में जब भारत ने बल्लेबाजी शुरू की तब स्टोक्स को अपने दो सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों का इस्तेमाल कर कम से कम एक विकेट लेने की कोशिश करनी चाहिए थी, उन्होंने अविश्वसनीय रूप से गेंद कामचलाऊ स्पिनर जो रूट को दे दी, उन्होंने जिमी एंडरसन की अनुभवी और बल्लेबाजों को परेशान करने वाली गेंदबाजी को नजरअंदाज किया, भारत ने इसका फायदा उठाया और केवल आठ ओवरों में 40 रन बनाए.
भारत ने इस टेस्ट मैच को पांच विकेट से जीतकर सीरीज में 3-1 की अजेय बढ़त बना ली थी.
रांची टेस्ट में स्टोक्स ने की गलती: चैपल
चैपल ने लिखा, स्टोक्स ने रांची में कुछ और गलतियां की. उन्होंने मैच के आखिरी दिन क्षेत्ररक्षण के खराब सजावट से भारतीय बल्लेबाजों को एक-एक रन आसानी से चुराने का मौका दिया, जब स्टोक्स को अपनी कप्तानी में आक्रमक रवैया अपनाने की जरूरत थी तब उन्होंने लचर रवैया दिखाया. चैपल ने कहा कि धर्मशाला में कुलदीप यादव की कलाई से की गयी स्पिन को इंग्लैंड के बल्लेबाज पढ़ने में विफल रहे और रही सही कसर अश्विन ने निचले क्रम के बल्लेबाजों को आउट करके पूरी कर दी.
इंग्लैंड की टीम स्पिन के खिलाफ विफल साबित हुई: चैपल
उन्होने कहा, अंतिम टेस्ट (धर्मशाला) में, इंग्लैंड ने एक बार फिर से स्पिन के सामने घुटने टेक दिए, इस बार कलाई के प्रतिभाशाली कुलदीप यादव ने इंग्लैंड के कमजोर बल्लेबाजी क्रम को झकझोर दिया, जबकि आर अश्विन ने निचले ऑफ स्पिन से निचले क्रम को धराशाई किया. चैपल ने कहा, भारतीय टीम इस सीरीज में मैच दर मैच मजबूत होती चली गयी जबकि इंग्लैंड की टीम स्पिन के खिलाफ लगातार विफल होती रही.