अगर आप अच्छा नहीं खेलते हैं... टीम इंडिया के बैटिंग कोच ने आलोचकों को जमकर सुनाया
भारत के बैटिंग कोच ने कहा, हम निश्चित रूप से अलग-अलग विकेट पर अभ्यास करते हैं, हम थोड़ी अलग पिच पर मैच खेल रहे हैं, हम सभी यह जानते हैं, सिर्फ यही चीज है कि हमने यहां खेला, लेकिन ड्रॉ ऐसा ही होता है, इसलिए इसमें और कुछ नहीं हो सकता.
Sitanshu Kotak on Indias advantage:आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में रविवार को भारत और न्यूजीलैंड की टीमें आमने-सामने होगी. भारतीय टीम अपने सभी मुकाबले दुबई में खेल रही है, जिसे लेकर आलोचकों ने सवाल उठाते हुए कहा है कि एक ही मैदान पर खेलने से टीम इंडिया को फायदा हुआ. भारत के बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक ने इसे लेकर तगड़ा जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि इस तरह की आलोचनाएं तभी शुरू हुईं जब टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी के मैच जीतने शुरू किए.
कोटक ने भारत के नेट सत्र के दौरान यहां पत्रकारों से कहा, मुझे समझ में नहीं आता कि हमें इस (पिच) से क्या फायदा मिलता है, जब हमने मैच जीत लिए तो लोगों को लगा कि भारत को फायदा मिला, मुझे नहीं पता कि इसके बारे में क्या कहूं, हम सिर्फ ड्रॉ के अनुसार खेले.
अगर आप अच्छा नहीं खेलते हैं तो आप शिकायत नहीं कर सकते: कोटक
कोटक ने कहा कि पिच की प्रकृति चाहे जो भी हो, टीम को मैच जीतने के लिए अच्छा क्रिकेट खेलना होगा. उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि एक मैच में, आपको हर दिन अच्छा क्रिकेट खेलना होता है, अगर आप अच्छा नहीं खेलते हैं तो आप शिकायत नहीं कर सकते और अगर आप अच्छा खेलते हैं तो यह कहने का कोई मतलब नहीं है कि आपको फायदा हुआ या नहीं. उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि हमें सिर्फ इसलिए फायदा मिल रहा है क्योंकि हम यहां अभ्यास कर रहे हैं और हम यहां मैच खेल रहे हैं.
ट्रेनिंग की सुविधा और डीआईसीएस में पिचों की प्रकृति काफी अलग: कोटक
कोटक ने मुख्य कोच गौतम गंभीर के विचार से सहमत होते ही दोहराया कि ट्रेनिंग की सुविधा और डीआईसीएस में पिचों की प्रकृति काफी अलग थी. उन्होंने कहा, हम निश्चित रूप से अलग-अलग विकेट पर अभ्यास करते हैं, हम थोड़ी अलग पिच पर मैच खेल रहे हैं, हम सभी यह जानते हैं, सिर्फ यही चीज है कि हम यहां खेला, लेकिन ड्रॉ ऐसा ही होता है, इसलिए इसमें और कुछ नहीं हो सकता.
उन्होंने कहा, ऐसा नहीं है कि यहां आने के बाद उन्होंने कुछ बदल दिया और फायदा उठा लिया. कोटक ने इस बात को भी खारिज कर दिया कि भारत ने कुछ दिन पहले ग्रुप मैच में न्यूजीलैंड को हराने के बाद फाइनल में मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल की है. सौराष्ट्र के इस पूर्व खिलाड़ी ने कहा, मुझे लगता है कि हमें ऐसा नहीं सोचना चाहिए, हमें बस कोशिश करनी चाहिए और अच्छा क्रिकेट खेलना चाहिए, पिछले मैच के बारे में सोचने का कोई मतलब नहीं है, हमें सोचना होगा कि नौ मार्च को क्या करना है.