'शाकाहारी खाना खाने के कारण टी20 विश्व कप में हारी टीम इंडिया'
इलाइआ जो आजकल मौलाना आजाद नेशनल उर्दू विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं वह पिछले दिनों अपनी विवादित किताब ‘मैं हिंदू क्यों नहीं हूं’ को लेकर चर्चाओं में रहे थे।

पिछले कुछ समय से शाकाहारी भोजन को लेकर पूरे विश्व में जमकर चर्चाएं हो रही हैं। कई लोग कह रहे हैं कि यह भोजन लंबी आयु व स्वस्थ जीवन के लिए बहुत आवश्यक है तो कई लोग कह रहे हैं कि इससे तो शरीर के डीएनए में फर्क पड़ता है। लेकिन इससे इतर एक भारतीय लेखक ने इस संबंध में एक अलग तरह की बात रखकर सबको चौंका दिया है। अंग्रेजी वेबसाइट हम्फिंगन पोस्ट में छपी खबर के मुताबिक दलित ऑथर कांचा इलाइआ ने दावा किया है कि शाकाहारी होना राष्ट्र विरोधी होने के बराबर है। उन्होंने कहा, “अगर पूरा देश शाकाहारी बन जाए तो यहां के सभी लोगों में प्रोटीन का स्तर कम हो जाएगा। क्या आप जानते हैं कि वेस्टइंडीज ने मैच क्यों जीता? वो इसलिए क्योंकि वह प्रोटीन वाला भोजन खाते हैं।” ये भी पढ़ें: किंग्स इलेवन पंजाब बनाम दिल्ली डेयरडेविल्स(प्रिव्यू): दोनों टीमों की नजरें पहली जीत पर
इस दौरान चीन, कोरिया, जापान और अमेरिका को क्रमशः बीफ खाने वाला, पोर्क खाने वाला, फिशेरियंस, और फ्रोगेरियंस बताते हुए कहा कि भारत इन देशों से प्रोटीन कम खाने की वजह से प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, “मेरे लिए मेरा देश बीफ खाने से शुरू होता है। दुर्भाग्यवश हमने बीफ खाना छोड़ दिया जिससे कि हमारे दिमाग का विकास नहीं हो रहा है। हमें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन नहीं मिल रही है।”
इस बात की ओर जोर देते हुए कि कैसे ऊंची जाति वाले हिंदुओं ने देश की प्रगति को धीमा किया है, उन्होने कहा, “एक समय था जब सोक्रेट्स और प्लूटो न्याय और गणतंत्र के बारे में लिख रहे थे और हमारे विद्वान कामसूत्र लिखने में व्यस्त थे। क्या हमें इस संबंध में कोई किताब लिखने की जरूरत है? जानवर तक सेक्स लाइफ के बारे में जानते हैं, आप इसे पहली शताब्दी में क्यों सिखा रहे थे।” इलाइआ जो आजकल मौलाना आजाद नेशनल उर्दू विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं वह पिछले दिनों अपनी विवादित किताब ‘मैं हिंदू क्यों नहीं हूं’ को लेकर चर्चाओं में रहे थे।