पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने केपटाउन में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीसरे टेस्ट के पहले दिन मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) के विकेट से प्रभावित नहीं थे। केपटाउन टेस्ट के पहले दिन अग्रवाल प्रोटियाज पेसर कगिसो रबाडा (Kagiso Rabada) की गेंद पर दूसरी स्लिप पर कैच आउट हुए।
गावस्कर ने अग्रवाल के शॉट चयन पर सवाल उठाते हुए कहा कि हालांकि वो एक शानदार बल्लेबाज हैं लेकिन मयंक गेंद के हरकत करने पर थोड़ा कमजोर दिखाई देते हैं।
गावस्कर ने कहा, “जब गेंद को हिट करने की बात आती है तो अग्रवाल एक बहुत अच्छा खिलाड़ी है, इसका कारण ये है कि वो गेंद को हल्का सा पुश करता है, लेकिन जब गेंद थोड़ी सी हरकत करती है, तो बल्ले की गति उसे मुश्किल में डाल देती है। हमने देखा है कि जब वो शून्य पर पर था, तो वो कैच होने से बचा। उसे देखो … देखो उसने गेंद पर कितनी जोर से खेला है।”
पूर्व कप्तान ने कहा, “वास्तव में अगर बल्ला और पैड एक साथ होते, तो वो खेलता और चूक जाता। लेकिन क्योंकि वो शॉट खेलने गया था … वो गेंद के पीछे गया है… और टेस्ट क्रिकेट में गेंद को छोड़ने का ये एक पहलू है। आप पहले घंटे में जितना हो सके उतना गेंद को छोड़ें। जरा देखो कि बल्ला कहां गया है। अगर ये पैड के करीब होता, तो वो ठीक होता।”
गावस्कर ने माना कि स्टंप से दूर की गेंदों को खेलने की ये आदत इस बात का सबूत है आजकल बहुत सारे बल्लेबाज टी20 क्रिकेट खेलते हैं, जहां शॉट खेलना आगे बढ़ने का रास्ता है। लेकिन भारत के पूर्व कप्तान ने एक फॉर्मेट से दूसरे फॉर्मेट में जाने पर मन में समायोजन करने के महत्व पर जोर दिया।
गावस्कर ने कहा, “काफी हद तक हां, लेकिन फिर ये किसी भी चीज से ज्यादा मानसिक समायोजन की बात है। क्या आप टेस्ट से लेकर 50 ओवर से लेकर टी20 क्रिकेट तक मानसिक समायोजन नहीं करते हैं? यही करने की जरूरत है।”