भारत का वह खिलाड़ी जो कई ऑलराउंडर के लिए बने प्रेरणा, गेंद और बल्ले दोनों से मचाया था धमाल

चंदू बोर्डे भारतीय क्रिकेट इतिहास के एक शानदार ऑलराउंडर में से एक रहे. इस खिलाड़ी को देख भारत को कई बड़े सितारे मिले.

By Saurav Kumar Last Updated on - July 20, 2025 11:03 PM IST

India Great All Rounder Chandu Borde: चंदू बोर्डे 1950 से 1960 के दशक में भारत के दिग्गज क्रिकेटर्स में शुमार रहे. एक बेहतरीन मध्यक्रम का बल्लेबाज, जो लेग स्पिन गेंदबाजी में महारत रखता था. वह एक शानदार फील्डर भी रहे. 21 जुलाई 1934 को पूना में जन्मे चंदू बोर्डे ने साल 1952 में महाराष्ट्र के लिए बॉम्बे के खिलाफ प्रथम श्रेणी क्रिकेट में डेब्यू किया था. इस मुकाबले में उन्होंने अर्धशतक जड़कर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया.

भारत के बड़े ऑलराउंडर रहे चंदू बोर्डे

अगले सीजन चंदू बोर्डे ने पांच विकेट लेते हुए एक गेंदबाज के तौर पर अपनी छाप छोड़ी. बोर्डे इसके बाद बड़ौदा की ओर से भी खेले. शानदार प्रदर्शन के चलते नवंबर 1958 में चंदू बोर्डे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू का मौका मिला. उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच खेला, लेकिन सीरीज के दो मुकाबलों में फ्लॉप रहने के बाद उन्हें तीसरे मैच से ड्रॉप कर दिया गया.

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हालांकि, चंदू बोर्डे को चौथा टेस्ट खेलने का मौका मिला. उन्हें दूसरी पारी में पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतारा गया, जिसमें बोर्डे ने 56 रन बनाए. इस मुकाबले में उन्होंने तीन विकेट भी अपने नाम किए, लेकिन भारतीय टीम 295 रन से मुकाबला गंवा बैठी.

इसके बाद सीरीज के पांचवें टेस्ट की दोनों पारियों में बोर्डे ने अपनी बल्लेबाजी क्षमता का शानदार नमूना पेश किया. उन्होंने पहली पारी में शतक लगाया और अगली पारी में भी चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 96 रन बनाए. इस दौरान बोर्डे ‘हिट विकेट’ आउट हुए. यह मैच ड्रॉ रहा. इस तरह से चंदू बोर्डे ने अपने करियर की पहली ही टेस्ट सीरीज में छाप छोड़ दी थी.

भारत की कर चुके हैं कप्तानी

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1967-68 में चंदू बोर्डे को मंसूर अली खान पटौदी की गैर-मौजूदगी में भारत की कमान संभालने का मौका मिला. इस मैच में बतौर कप्तान बोर्डे ने 69 रन की पारी खेली, लेकिन टीम को 146 रनों के अंतर से शिकस्त झेलनी पड़ी. गेंद और बल्ले से मैदान पर कमान करने वाले चंदू बोर्डे न सिर्फ एक शानदार खिलाड़ी रहे, बल्कि वह बेहतरीन इंसान भी हैं.

साल 1962 में भारत-वेस्टइंडीज के बीच किंग्सटन में टेस्ट मैच खेला जा रहा था, जिसमें वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज चार्ली ग्रिफिथ की बाउंसर भारतीय कप्तान नारी कॉन्ट्रैक्टर के सिर पर लगी. यह घटना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट इतिहास के डार्क चैप्टर में से एक थी. जिंदगी और मौत के बीच झूलते हुए नारी छह दिन तक बेहोश रहे थे. इस कॉन्ट्रैक्टर कप्तान की जान बचाने के लिए चंदू बोर्डे ने तुरंत अपना ब्लड डोनेट किया. ब्लड डोनेट करने वालों में वेस्टइंडीज के कप्तान फ्रैंक वॉरेल भी थे. सामूहिक प्रयासों के चलते नारी कॉन्ट्रैक्टर की जान तो बच गई, लेकिन भयंकर चोट की वजह से उनका क्रिकेट करियर खत्म हो गया था.

चंदू बोर्डे ने साल 1969 तक अपने टेस्ट करियर में कुल 55 मैच खेले, जिसकी 97 पारियों में 35.59 की औसत के साथ 3,061 रन बनाए. इस दौरान उनके बल्ले से पांच शतक और 18 अर्धशतक निकले. उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 52 विकेट भी हासिल किए.

यह फर्स्ट क्लास क्रिकेट करियर रिकॉर्ड है जो बोर्डे के शानदार आंकड़ों को हमारे सामने पेश करता है. उन्होंने 251 फर्स्ट क्लास मुकाबलों में 40.91 की औसत के साथ 12,805 रन अपने नाम किए. इस दौरान दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 30 शतक और 72 अर्धशतक अपने नाम किए. उन्होंने फर्स्ट क्लास करियर में 27.32 की औसत से 331 विकेट भी चटकाए हैं.